उज्जैन। 15 जनवरी को शनिवार के दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इसी के साथ उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी बाबा को तिल का उबटन किया जाएगा। इसी के साथ सुबह तड़के 4 बजे भगवान की भस्मारती की जाएगी। आपको बात दें कोरोना के चलते मंदिर में भस्मारती में प्रवेश बंद कर दिया गया है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो शनिवार के दिन प्रदोष का होना एक महत्वपूर्ण संयोग है। इसमें भी शनि प्रदोष के दिन मकर संक्रांति का पर्वकाल स्नान, दान तथा धार्मिक कार्यों के लिए दुर्लभ संयोग की श्रेणी में आता है। आपको बता दें इससे पहले सन् 2022 से पहले ऐसा संयोग सन् 1995 में बना था।
तिल से होगा भगवान का उबटन —
मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी के अनुसार महाकाल मंदिर में सुबह आरती में भगवान महाकाल को तिल्ली के उबटन से स्नान कराया जाएगा। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 15 जनवरी को 36 साल बाद शनिप्रदोष के संयोग में मकर संक्रांति मनाई जाएगी। आरती के बाद तिल्ली से बने पकवानों का भोग लगाकर आरती की जाएगी। इस दिन की विशेषता ये होगी कि इसी दिन शनि प्रदोष का दिन इसे खास बना रहा है। जिसके चलते भगवान का मावे व तिल्ली से बने पकवानों से भोग लगाया जाएगा।
सुबह 7.30 बजे की आरती में भगवान को दूध का भोग लगेगा। शाम को 7.30 बजे संध्या आरती में भगवान को दाल, चावल, रोटी, सब्जी, लड्डू चढ़ेंगे। शाम को 4 बजे मंदिर के गर्भगृह में पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में एकादश ब्राह्मण रूद्रपाठ कराया जाएगा।