उज्जैन। Ujjain Mahakal Diwali 2023: देश भर में हिंदूओं के सबसे बड़ पर्व धनतेरस और दीवाली की धूम मची हुई है, बाबा महाकाल मंदिर में पारंपरिक दीपोत्सव वैसे तो रमा एकादशी पर गर्भगृह और नंदीहाल पर दीप जलाकर दीप उत्सव का आगाज हो जाता है।
लेकिन परंपरानुसार धनतेरस की सुबह सभी पुजारी-पुरोहित समिति द्वारा भगवान का अभिषेक और विशेष पूजन अर्चना की गई।
इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर ने परिवार के साथ पूजन किया। साथ ही प्रदेश की सुख शांति और समृद्धि की कामना की है।
वहीं अब 12 नवंबर यानी दीवाली के दिन सुबह चौदस पर भगवान महाकाल को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा, इस दौरान बाबा को हल्दी, चंदन, इत्र, सुगंधित द्रव्य से स्नान होगा।
पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान को लगाएंगी उबटन
रूप चौदस के दिन पुजारी परिवार की महिलाएं बाबा महाकाल के केसर चंदन से बना उबटन लगाएंगी। इसके साथ महाकाल का जल से स्नान प्रारंभ हो जाएगा।
बता दें कि साल में एक दिन ही पुजारी परिवार की महिलाएं बाबा महाकाल को उबटन लगाकर आरती करती हैं। वहीं महाकाल बाबा को स्नान कराने के बाद नए वस्त्र, आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है।
इसके बाद अन्नकूट का महाभोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। वहीं भस्म आरती में पुजारी केसर, चंदन का उबटन लगाकर भगवान को गर्म जल से स्नान कराते हैं।
12 को दीवाली, 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा
बता दें कि इस साल 12 नवंबर को कार्तिक माह की चौदस को दिवाली मनाई जाएगी। इस दिन महाकाल मंदिर में भस्मारती से लेकर राम में होने वाली शयन आरती तक पांच आरतियों में फुलझड़ी चलाई जाएगी।
दिवाली के अगले दिन 13 नवंबर को सोमवती अमावस्या है। वहीं 14 नवंबर को बाबा महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार पर पुजारी परिवार की महिलाएं गोबर से गोवर्धन बनाकर विशेष पूजा-अर्चना करेगी।
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