Advertisment

Ujjain Mahakal: बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी आज, “वैदिक उद्घोष” रहेगी थीम, मनमहेश रूप में दर्शन देंगे महाकाल

Ujjain Mahakal Pahli Shahi Sawari Sawan Somwar: बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी आज, “वैदिक उद्घोष” रहेगी थीम, मनमहेश रूप में दर्शन देंगे महाकाल ujjain-baba-mahakal-pahli-shahi-sawari-pahla-sawan-somvar-2025-vaidik-udghosh-theme-full-detail-hindi-news-pds

author-image
Preeti Dwivedi
Ujjain-Mahakal-Pahla-Sawan-Somvar-Shahi-Sawari-Full-Detail-Hindi-news

Ujjain-Mahakal-Pahla-Sawan-Somvar-Shahi-Sawari-Full-Detail-Hindi-news

Ujjain Mahakal Pahli Shahi Sawari: 11 जुलाई से सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है।  इस पावन अवसर पर तड़के 2:30 बजे भगवान श्री महाकाल के पट खोले गए। सबसे पहले भगवान महाकाल का पंचामृत से अभिषेक किया गया। फिर पुजारियों ने बाबा का राजाधिराज स्वरूप में विशेष श्रृंगार किया। 14 जुलाई सोमवार यानी आज उज्जैन में बाबा महाकाल की पहली शाही सवारी निकलेगी। जिसमें भगवान मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे।

Advertisment

[su_youtube url " autoplay="No"]

“वैदिक उद्घोष” की थीम पर निकलेगी पहली शाही सवारी

आपको बता दें महाकाल मंदिर (Mahakal Mandir ) में हर साल हर सोमवार को अलग अलग थीम पर शाही सवारी निकाली जाती है। पहली सवारी 14 जुलाई को “वैदिक उद्घोष” की थीम पर आधारित होगी, जिसमें वैदिक मंत्रों की गूंज के साथ बाबा महाकाल का स्वागत किया जाएगा।

दूसरी सवारी : 21 जुलाई को होगी, जिसमें पारंपरिक लोकनृत्य और सांस्कृतिक झलकियां देखने को मिलेंगी।

तीसरी सवारी:  28 जुलाई को सुरक्षा बलों जैसे पुलिस, आर्मी, होमगार्ड और निजी बैंड की प्रस्तुतियों के साथ निकलेगी।

Advertisment

चौथी सवारी: 4 अगस्त को मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे मांडू, सांची, खजुराहो आदि की झांकियों से सजी होगी।

पांचवीं सवारी: 11 अगस्त को धार्मिक रंग में रंगी होगी, जिसमें श्रीकृष्ण पाथेय और राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों की झलक मिलेगी।

राजसी सवारी 18 अगस्त को

अंतिम राजसी सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी, जिसमें 70 से अधिक भजन मंडलियां भाग लेंगी और संगीतमय भक्ति रस से वातावरण गूंज उठेगा।

Advertisment

महालोक में सांस्कृतिक संध्या

श्रावण मास में प्रतिदिन शाम को महालोक परिसर में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसमें विविध कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। साथ ही, हर शनिवार शाम 7 बजे त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय में विशेष श्रावण महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जो उज्जैन की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित होगा।

श्रावण के पहले सोमवार का विशेष महत्व

सावन के पहले सोमवार को भगवान महाकाल पालकी में श्री मनमहेश रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। यह परंपरा राजा भोज के समय से चली आ रही है, जब महाकाल की सवारी में भव्य रथ और सजे-धजे हाथी शामिल किए गए थे। तब से यह सवारी ढोल-नगाड़ों, शंखध्वनि और भक्तिरस के साथ प्रत्येक सोमवार को निकाली जाती है।

सवारी की तिथियां:

14 जुलाई से 18 अगस्त तक हर सोमवार

विशेष सवारी: 11 अगस्त और 18 अगस्त

नगर भ्रमण की भव्य सवारी
इस ऐतिहासिक सवारी में लाखों श्रद्धालुओं के उमड़ने की उम्मीद है। बाबा के दर्शन मात्र से मनोकामनाएं पूरी होने की भावना लिए लोग देशभर से उज्जैन पहुंच रहे हैं। भक्तों की इस आस्था को देखते हुए सवारी को बेहद भव्य और दिव्य रूप में निकाला जाएगा।

Advertisment

सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 1500 से अधिक पुलिसकर्मी सवारी मार्ग पर तैनात किए गए हैं। साथ ही, ड्रोन कैमरों के जरिए पूरे मार्ग की निगरानी की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को तुरंत नियंत्रित किया जा सके। सभी प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सुरक्षा में कोई कमी न रहे।

श्रद्धा और व्यवस्था का संगम
सावन के इस पुण्य अवसर पर उज्जैन में देशभर से भक्त जुट रहे हैं। भगवान महाकाल के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करने के लिए लंबी दूरी तय करके आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हर स्तर पर दर्शन, आवागमन, पेयजल और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं का ध्यान रखा गया है।

यह भी पढ़ें: Gold Price Today 14 July 2025: सोना पहुंचा ₹97,511, चांदी ₹1,10,290 किलो; जानें MP, CG, UP में सोने के ताजा रेट

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें