रिपोर्ट, अभिषेक सिंह, वाराणसी
हाइलाइट्स
- बीएचयू के खाली सीटों पर ph. D प्रवेश रोक
- बीएचयू में ph.D की 466 सीटें खाली
- विश्वविद्यालय को पहले अवगत कराया गया
UGC BHU Ph.D Admission 2025: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में ph.D में प्रवेश प्रक्रिया में लगातार विवाद को देखते हुए यूजीसी ने प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। UGC की ओर से बीएचयू के खाली सीटों पर ph. D प्रवेश रोक लगाते हुए अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी भी गठित कर दी है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक बीएचयू में ph.D की 466 सीटें खाली रहेंगी।
जानकारी के अनुसार कार्यवाहक कुलपति और रजिस्ट्रार को दोबारा बातचीत के लिए दिल्ली तलब कर लिया गया है। यूजीसी की टीम इस महिने पीएचडी दाखिले के लिए कैम्पस में हुए 5 धरनों को भी केंद्र में रखकर जाँच करेगी, इसके अलावा तमाम विवादों के साथ ही विभागीय गतिविधियों की भी जाँच की जाएंगी। यूजीसी की ओर से सचिव मनीष आर जोशी ने बीते कल एक पत्र जारी कर कहा कि बीएचयू में पीएचडी प्रवेश से संबंधित कई मामले और विषमताएं संज्ञान में आई है।
पीएचडी प्रवेश से संबंधित कई मामले
विश्वविद्यालय को पहले अवगत कराया गया है कि ph.D डिग्री देने के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया विनिमय 2022 के अनुसार ही चलना होगा । पीएचडी कार्यक्रम में छात्रों को प्रवेश देना और पीएचडी डिग्री देना जरूरी है। ऐसे में बीएचयू और शोध प्रवेश से संबंधित मुद्दों पर ही जांच की जाएगी। उधर बीएचयू में पीएचडी की मांग को लेकर 11 दिनों से धरनारत अभ्यर्थी का प्रवेश न होने पर छात्रों का गुस्सा फूटा गया। छात्र कुलपति आवास सेंट्रल ऑफिस के ऊपरी तल ओर चढ़ गए। कुलपति और रजिस्ट्रार में से कोई भी अधिकारी नहीं मिला जिसके बाद छात्र ऊपर ही जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे ।
चार महीने में 5 से ज्यादा धरने हुए
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 4 महीने से पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर 10 से ज्यादा धरने हो चुके हैं। वहीं परीक्षा नियंत्रक कार्यालय की ओर से जब स्क्रीनिंग कर इंटरव्यू की तिथि घोषित कर दी गई तो विरोध का सूर तेजी से उठने लगा। वहीं जब विभागों ने पीएचडी में चयनित अभ्यर्थियों को फीस जमा करने की लिंक भेजना शुरू किया तब एक के बाद एक धरने शुरू हो गए।