नई दिल्ली। (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 31 जुलाई तक ‘एक देश, एक राशन कार्ड योजना’ लागू करने का मंगलवार को निर्देश दिया जबकि केंद्र को कोविड-19 की स्थिति जारी रहने तक प्रवासी मजदूरों को नि:शुल्क वितरण के लिए सूखा राशन उपलब्ध कराने को कहा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने तीन कार्यकर्ताओं की याचिका पर कई निर्देश पारित किए जिसमें केंद्रों और राज्यों को प्रवासी मजदूरों के लिए खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण और अन्य कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में कहा गया कि प्रवासी मजदूर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने के कारण संकट का सामना कर रहे हैं।
Supreme Court issues a slew of directions to Centre & state governments relating to the welfare of migrant workers due to COVID19, directed govts to provide dry ration & continue community kitchens for migrant workers till pandemic continues pic.twitter.com/x4xZhndnpK
— ANI (@ANI) June 29, 2021
पीठ ने केंद्र को 31 जुलाई तक असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) की मदद से एक पोर्टल विकसित करने को कहा ताकि कल्याण योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जा सके। इसने राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों को संबंधित राज्यों में वैश्विक महामारी की स्थिति जारी रहने तक प्रवासी मजदूरों के लिए सामुदायिक रसोईघरों का संचालन करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने महामारी की स्थिति बनी रहने तक प्रवासी मजदूरों के बीच मुफ्त वितरित करने के लिए केंद्र को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनाज आवंटित करते रहने को कहा।कार्यकर्ता अंजली भारद्वाज, हर्ष मंदर और जगदीप छोकर ने प्रवासी मजदूरों के लिए कल्याणकारी उपायों को लागू करने के अनुरोध के साथ एक याचिका दायर की थी।