भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में लोकायुक्त ने सोमवार कार्रवाई करते हुए दो बाबुओं को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों के लिए दो अलग-अलग शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया है। गजब की बात यह है कि यह दोनों की बाबू एक ही कार्यालय में एक साथ एक ही समय पर रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचे गए हैं। पकड़े जाने वालों में कोलार तहसील कार्यालय के रतनपुर नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के बाबू लक्ष्मी नारायण मिश्रा और बैरागढ़ चीचली नायब तहसीलदार आदित्य झंगाले के बाबू सौदान सिंह हैं।
पहला केस
जानकारी के मुताबिक भोपाल के मिसरोद निवासी सचिन सेन ने लोकायुक्त के लिए शिकायत की थी, जिसमें बताया गया था कि उनके ही परिचित ओमप्रकाश मीना और बबलू मीना निवासी तहसील कोलार की के फोती का प्रकरण नायब तहसीलदार शिवांगी खरे की कोर्ट में 6 माह से लंबित थे। इन प्रकरणो के आदेश निकलने के लिए नायब तहसीलदार के कार्यालय में पदस्थ बाबू लक्ष्मीनारायण मिश्रा ने नायब तहसीलदार के नाम पर एक फाइल के 50000 रुपए रिश्वत की मांग की।
इस शिकायत का सत्यापन पुलिस अधीक्षक मनु व्यास ने निरीक्षक रजनी तिवारी से करवाया। आवेदक की शिकायत सही पाने पर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई करते हुए कोलार तहसील में नायब तहसीलदार शिवांगी खरे के रीडर लक्ष्मीनारायण मिश्रा को 50000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। कार्रवाई तहसील कार्यालय में की गई। लोकायुक्त की टीम में निरीक्षक रजनी तिवारी, निरीक्षक विकास पटेल, आरक्षक मनमोहन साहू, राजेंद्र पावन, विनोद मालवीय, मनोज मांझी शामिल थे।
दूसरा केस
भोपाल में मिसरोद निवासी ओमप्रकाश पाटीदार ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त को लिखित शिकायत की थी कि मीना विष्ट निवासी नयापुरा कोलार की भूमि नामांतरण केस बैरागढ़ चीचली में नायब तहसीलदार आदित्य झंगाले के यहां लगा था, फौती नामांतरण व बटान की फाइल पेंडिंग थी। फाइलों में नामांतरण आदेश कराने के एवज में नायब तहसीलदार झंगाले के कार्यालय में पदस्थ बाबू सौदान सिंह द्वारा 15000 रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है।
आवेदक की शिकायत का सत्यापन कराया गया जो सही पाई गई। जिस पर 27 मार्च की शाम लगभग 5 बजे पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल के निर्देशन में 10 सदस्यीय ट्रैप दल द्वारा बैरागढ़ चीचली तहसील कार्यालय कोलार में आरोपी बाबू सौदान सिंह (रीडर सहायक) भोपाल को आवेदक से 12000 रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। लोकायुक्त टीम में उप पुलिस अधीक्षक संजय शुक्ला, वीरेन्द्र सिंह, ट्रैपकर्ता अधिकारी निरीक्षक नीलम पटवा आर अवध बाथवी, ब्रज बिहारी पांडे, मुकेश परमार, प्र आर नेहा परदेसी सहित 10 सदस्य शामिल रहे।