Haldi ki Chai Turmeric Tea Benefits Recipe: आज के समय में कब्ज यानी डायबिटीज और कॉन्स्टिपेशन की समस्या हर किसी को परेशान किए है। असंतुलित भोजन, बिगड़ता खानपान, बदलती लाइफ स्टाइल लोगों में डायबिटीज और कॉन्सटीपेशन का कारण बन रही है।
ऐसे में यदि आप भी इस समस्या को झेल रहे हैं तो आपको बता दें दादी मां के घरेलू नुस्खों (dadi maa ke gharelu nuskhe) में हल्दी की चाय के उपाय बताए गए हैं।
तो चलिए जानते हैं कि डायबिटीज और कॉन्स्टिपेशन को कंट्रोल दूर करने के लिए हल्दी की चाय किस तरह काम आती है। साथ ही जानेंगे हल्दी की चाय बनाने का तरीका क्या है।
औषधीय गुणों का भंडार है हल्दी
हमारे आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीय हैं जो रोगों को दूर करने में सहायक हो सकती हैं। इन्हीं में से एक है हमारे किचिन में मौजूद हल्दी। हल्दी औषधीय गुणों का भंडार है। ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है।
इसमें मौजूद एंटी वायरल, एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी बैक्टीरियल गुण हमारे शरीर से कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। हल्दी की चाय सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है।
तो चलिए जानते है। हल्दी चाय पीने से क्या फायदे(Haldi ki Chai ke Fayde) होते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाने में हल्दी चाय
हल्दी की चाय इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती है। इसमें मौजूद एंटी सेप्टिक गुण इम्यूनिटी बढ़ाने काफी मददगार साबित हो सकते हैं। हल्दी की चाय पीने से शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है। हल्दी की चाय सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी संक्रामक बीमारियों से बचने में भी मददगार होती है।
वजन कम करने के लिए हल्दी की चाय
अगर आपका वजन औसत से अधिक हो रहा है तो कंडीशन में आपकी हल्दी की चाय जरूर पीना चाहिए। इसमें मौजूद पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार साबित होते हैं। साथ ही होता क्या है जब आप हल्दी की चाय पीते हैं तो इससे आपकी बॉडी की कैलोरी तेजी से बर्न होने लगती है।
जिसके परिणाम स्वरूप आपका वजन भी कम (health benefits in weight loss) होने लगता है। अगर बेली फैट (Belly fat) की समस्या से परेशान हैं तो इस कंडीशन में भी खाली पेट हल्दी की चाय पीना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
हल्दी की चाय से शुगर होगी कंट्रोल
हल्दी की चाय वजन को कंट्रोल करने के साथ-साथ डायबिटीज को नियंत्रित करने में भी काफी लाभकारी हो सकती है।
हल्दी में मौजूद एंटी डायबिटिक गुण आपके ब्लड में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकते हैं। अगर आप सुबह खाली पेट हल्दी की चाय का सेवन करते हैं तो इससे आपको एनर्जी भी मिलती है।
हल्दी की चाय बनाने का तरीका
1. घर पर हल्दी की चाय बनाने के लिए आपको हल्दी के साथ कुछ मसालों की जरूरत पड़ेगी।
2. सबसे पहले हल्दी की चाय बनाने के लिए आप पानी को उबलने के लिए गैस पर रख दें।
3. इसके बाद इसमें काली मिर्च और दालचीनी का पाउडर मिलाएं।
4. इन दोनों चीजों के मिक्स होने के बाद इसमें एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर मिक्स करें।
5. इस घोल को अच्छे से उबलने दें।
6. इसके बाद इसे छान लें।
7. आखिर में इसमें शहर मिलाकर इसका सेवन करें।
जानें कैसे करना है हल्दी और घी का सेवन
एक चम्मच घी में 1/4 चम्मच हल्दी मिलाएं, और इसे डायरेक्ट कंज्यूम करें। आप चाहें तो इसमें 2 चुटकी काली मिर्च पाउडर भी मिला सकती हैं।
एक कप गुनगुने दूध में 1/4 चम्मच हल्दी और 1 चम्मच घी डालें।
गुनगुने पानी में घी और हल्दी डाल दें, इसे अच्छे से मिला लें, रोज सुबह उठकर इसे खाली पेट लें।
दादी मां के नुस्खों में एसिडिटी के लिए हल्दी और घी का सेवन
अगर आप एसिडिटी की समस्या (Acidity Problem) से परेशान हैं तो इसके लिए आप घी और हल्दी का सेवन कर सकते हैं। एसिडिटी यानी कब्ज में हल्दी और घी का सेवन किसी वरदान से कम साबित नहीं होता। कांस्टीपेशन यानी की कब्ज से परेशान हैं तो दादी मां के नुस्खों के अनुसार हल्दी और घी का कॉम्बिनेशन आपको फायदा करा सकता है।
जानें घी और हल्दी का कॉम्बिनेशन कब्ज की स्थिति में किस तरह है फायदेमंद (ghee turmeric for constipation) आयुर्वेद के अनुसार हल्दी और घी के कॉम्बिनेशन को पूरी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। वो इसलिए क्योंकि यह पाचन में सहायता करने से लेकर इम्यूनिटी को बूस्ट करने में आपकी मदद करता है।
इस कॉम्बिनेशन सेे कब्ज होने की कंडीशन में ये मल को मुलायम बनाकर इसे आसानी से बाहर निकालने में हेल्प करता है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है। साथ ही इससे वेट लॉस भी होता है।
हल्दी एसिडिटी को कैसे कम करती है
आपको बता दें आयुर्वेद के अनुसार हल्दी के साथ कच्चे घी (Haldi or Ghee) का भी सेवन किया जा सकात है। ये दोनों स्मॉल इंटेस्टाइन यानी छोटी आंत में अवशोषण शक्ति को बढ़ा देती है। आयुर्वेद में बताए अनुसार घी व्यक्ति के शरीर के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक के एसिडिक पीएच को कम करने में हेल्प करता है।
जब पीएच लेबल (PH Label) कम हो जाता है। जिससे पाचन यानी डायजेशन होने में मदद मिलती है। जब व्यक्ति का डायजेशन सही होता है तो इससे एसिडिटी की समस्या (Acidity Problem) में भी आराम मिलता है।
हल्दी में एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं तो वहीं घी की बात करें तो इसमें स्वस्थ फैटी एसिड पाया जाता है इसके अलावा घी में डिटॉक्सिफाइंग गुण भी होते हैं।
जब शरीर में ये गुण एक साथ मिलते हैं तो बॉडी से टॉक्सिक पदार्थों यानी विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर पेट के स्वास्थ्य साफा रखने में मदद करते हैं।
हल्दी और घी का सेवन कैसे करना चाहिए
एक चम्मच घी लें इसमें 1/4 चम्मच हल्दी मिलाएं। इसके बाद इसे सीधे उपयोग करें। आप चाहें तो इसमें 2 चुटकी काली मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं।
अगर आप दूध का सेवन करते हैं तो एक कप गुनगुने दूध में 1/4 चम्मच हल्दी और 1 चम्मच घी डालकर इसे अच्छी तरह मिलाएं। इससे पेट की समस्या में आराम मिलता है। साथ ही ये मल को ल्यूब्रिकेट करके उसे बाहर निकालने में मददगार साबित होता है।
गुनगुने पानी में घी और हल्दी डालकर इसे अच्छी तरह मिला लें। डेली सुबह उठकर खाली पेट इसका सेवन करें।
इस तरह हल्दी का सेवन कांस्टीपेशन में लाभकारी हो सकता है। होता है और इसे त्वचा संबंधी समस्याओं में भी कारगर माना जाता है।