Tulsi Mala: हिंदू धर्म में हर घर में तुलसी का पौधा रखा होता है और इसमें सुबह जल अर्पण किया जाता है और शाम में दीपक रखा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है और तुलसी में मां लक्ष्मी का वास माना गया है इसलिए तुलसी का पूजन करने से घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
जैसे घर में तुलसी के पौधे का एक विशेष महत्व होता है वैसे ही गले में तुलसी से बनी माला पहनने का विशेष महत्व होता है।
Tulsi Mala: तुलसी की माला पहनने से मिलती है मानसिक शांति, जानें किस दिन पहनें माला और क्या हैं इसके नियम#tulsimala #tulsi #dharmik #mentalpeace #mentalhealth
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मान्यता है कि तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति के जीवन से सभी संकट मिट जाते हैं, लेकिन इस माला को धारण करने से पहले दिन व नियमों के बारे में पता होना चाहिए।
तुलसी से बनी माला पहनने के बाद आपको कुछ नियमों का पालन भी करना चाहिए।
तुलसी के पौधे के प्रकार
तुलसी दो प्रकार की होती हैं- श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी के बीजों की माला पहनने से मानसिक शांति और मन में सकारात्मकता आती है।
इससे आध्यात्मिक के साथ-साथ पारिवारिक और भौतिक उन्नति भी होती है, जबकि रामा तुलसी की माला आत्मविश्वास बढ़ाती है और सात्विक भावनाओं को जागृत करती है।
तुलसी माला के लाभ
अगर आप तुलसी की माला गले में धारण करते हैं तो आपके जीवन में धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
तुलसी माला पहनने के बाद मन में सकारात्मक विचार आते हैं और व्यक्ति अच्छी सोच के साथ अपने कार्यों में आगे बढ़ता है।
किस दिन पहने माला
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी माला धारण करने के लिए प्रदोष काल को शुभ माना गया है। प्रदोष काल यानि सूर्यास्त के बाद शाम का समय तुलसी माला धारण करने के लिए अच्छा होता है।
इसके अलावा सोमवार, गुरुवार और बुधवार को भी तुलसी माता धारण कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि रविवार या अमावस्या के दिन गलती से भी तुलसी माला धारण नहीं करनी चाहिए।
तुलसी की माला पहनने से पहले किसी ज्योतिष या पंडित की सलाह अवश्य लें। वह आपको इसे पहनने का सही समय और सही तरीका बता देंगे।
तुलसी माला पहनने के कुछ नियम
तुलसी की माला पहनने का सबसे बड़ा नियम यह है कि जो भी व्यक्ति तुलसी की माला पहनता उसे हमेशा सात्विक भोजन करना चाहिए। तामसिक भोजन यानी मांस-मदिरा लहसुन, सिरका और प्याज आदि को नहीं खाना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तुलसी की माला एक बार किसी के पहनने के बाद उतारनी नहीं चाहिए।
तुलसी की माला पहनने से पहले उसका शुद्ध होना जरूरी है। तुलसी की माला को गंगा जल से अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और माला सूखने के बाद ही धारण करना चाहिए।
जो व्यक्ति तुलसी की माला धारण करते हैं उन्हें उसके साथ रुद्राक्ष की माला भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए।
कुछ मान्यताओं और ज्योतिषों के अनुसार, जो लोग किसी कारण से तुलसी की माला गले में नहीं पहन सकते हैं, वे दाहिने हाथ में इसे धारण कर सकते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Bansal News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।