हाइलाइट्स
- हमने भारत-रूस को चीन के हाथों खो दिया-ट्रम्प
- कल कोर्ट में भारत पर टैरिफ लगाने को जरूरी बताया था
- भारत और अमेरिका के रिश्तों पर असर
Trump India Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने कहा कि भारत (India) और रूस (Russia) अब चीन (China) के साथ खड़े हैं। उन्होंने भारत पर 50% टैरिफ (Tariff) लगाने को आर्थिक और राजनीतिक रूप से जरूरी बताया। ट्रम्प का दावा है कि भारत ने जीरो टैरिफ का ऑफर दिया, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है।
ट्रम्प का बयान और भारत-रूस-चीन का समीकरण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल (Truth Social) पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने लिखा— “ऐसा लगता है कि हमने भारत (India) और रूस (Russia) को चीन (China) के हाथों खो दिया है। उम्मीद है उनका भविष्य अच्छा होगा।” ट्रम्प के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। लेकिन यह साफ है कि 50% टैरिफ (Tariff) लगाने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ा है।
Trump mentions India again. Says
"India kills us with tariffs"
"India was the most highly tariffed nations in the world'
"India has offered me no tariffs"
Ctsy: Scott Jennings show pic.twitter.com/NY7T0nWX1R
— Sidhant Sibal (@sidhant) September 3, 2025
टैरिफ पर कोर्ट की जंग
ट्रम्प ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) में अपील दायर कर कहा कि भारत पर टैरिफ लगाना जरूरी है। उन्होंने तर्क दिया कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर मार्केट में बेच रहा है, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध लंबा खिंच रहा है। ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि अगर भारत पर टैरिफ नहीं लगाया जाता तो वह कभी जीरो टैरिफ (Zero Tariff) की पेशकश नहीं करता। वहीं, छोटे कारोबारियों के वकील जेफ्री श्वाब ने कोर्ट में कहा कि ट्रम्प के टैरिफ छोटे व्यवसायों के लिए नुकसानदायक हैं। अमेरिका की अपील कोर्ट ने पहले ही ट्रम्प के टैरिफ को गैरकानूनी बताया था। कोर्ट ने कहा कि 1977 का इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट (International Emergency Economic Powers Act – IEEPA) उन्हें इतना अधिकार नहीं देता। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित है।
The partnership between the United States and India continues to reach new heights — a defining relationship of the 21st century. This month, we’re spotlighting the people, progress, and possibilities driving us forward. From innovation and entrepreneurship to defense and… pic.twitter.com/tjd1tgxNXi
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) September 1, 2025
भारत और अमेरिका के रिश्तों पर असर
ट्रम्प ने जुलाई और अगस्त में भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया। इसमें 25% टैरिफ भारतीय निर्यात (Indian Export) पर लगाया गया, जबकि 25% अतिरिक्त शुल्क रूसी तेल (Russian Oil) खरीदने की वजह से लगाया गया। इस कदम से अमेरिका को भेजे जाने वाले भारत के 55% से ज्यादा सामान पर असर पड़ा। भारतीय उद्योग जगत का कहना है कि यह निर्णय दोनों देशों के व्यापार को झटका देगा। ट्रम्प का कहना है कि भारत और ब्राजील (Brazil) जैसे देश ऊंचे टैरिफ लगाकर अमेरिका को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन भारत का दावा है कि उसने अमेरिका के साथ बातचीत में टैरिफ घटाने की पेशकश की थी।
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चुनावी रणनीति या कड़ा संदेश?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का यह बयान चुनावी रणनीति भी हो सकता है। उन्होंने बार-बार कहा है कि टैरिफ अमेरिकी अर्थव्यवस्था (US Economy) की ताकत बढ़ाने का जरिया है। वहीं, भारत के लिए यह कड़ा संदेश है कि अमेरिका अपनी शर्तों से पीछे नहीं हटेगा।
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