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Tripura News: त्रिपुरा वन विभाग की अनोखी पहल; वन भोजन उत्सव का हुआ आयोजन

Tripura News: शहर में रहने वाले लोगों में त्रिपुरा के स्थानीय व्यंजनों को लोकप्रियता दिलाने के मकसद से वन भोजन उत्सव का आयोजन किया गया।

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Tripura News: शहर में रहने वाले लोगों में त्रिपुरा के स्थानीय व्यंजनों को लोकप्रियता दिलाने के मकसद से वन भोजन उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोग, खासकर युवा पहुंचे। यहां स्टॉल लगाने वालों में 34 वर्षीय मेरी देबबर्मन भी शामिल हैं। तीन महिलाएं उनकी सहायता करती हैं। वह वन विभाग की ओर से आयोजित उत्सव में शनिवार को त्रिपुरी व्यंजन को बेचने में व्यस्त थी।

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एक दिवसीय वन भोजन उत्सव

उन्होंने हैरिटेज पार्क में आयोजित एक दिवसीय भोजन उत्सव के अंत में 2500 रुपये कमाए। मेरी देबबर्मन अपने घर से ‘हॉटपोट’ में पका हुआ खाना लेकर आई थी। जिसमें ‘बंगोई’ व ‘गोडोक’ समेत अन्य व्यंजन शामिल थे। देबबर्मन पश्चिम त्रिपुरा जिले में बारामुरा रेंज के हेज़मारा ब्लॉक की रहने वाली हैं और 10 सदस्यीय स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ‘बुबर’ की सदस्य हैं। उनके एसएचजी के अलावा कम से कम 10 अन्य स्वयं सहायता समूहों ने उत्सव में भाग लिया जिसका उद्धाटन जनजाति मंत्री बिकाश देबबर्मन ने किया था।

पारंपरिक भोज उत्सव को बढ़ावा

बिकाश देबबर्मन ने कहा, “आधुनिक जीवन ने लोगों को उनकी जड़ों से दूर कर दिया है। हमें उम्मीद है कि सरकार के समर्थन से पारंपरिक भोज उत्सव पारंपरिक व्यंजनों को संरक्षित करने में मदद करेंगे।” उत्सव में आई सुनीता सरकार ने कहा कि ‘बंगोई’, ‘पोर्क भरता’ और ‘गुडोक’ पूर्वोत्तर राज्य के लोगों में खासे लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा, “केवल जंगलों में उगाई जाने वाली सब्जियों को बेचने के लिए मूल निवासी रोज यहां के चौमुहानी बाजार आते हैं। वन भोजन अब आम लोगों में लोकप्रिय है।”

जंगलों में रहने वाले लोगों की आजीविका में आएगा सुधार

वन विभाग के प्रधान सचिव के.एस. सेठी ने कहा, जंगलों में रहने वाले आदिवासी जैव विविधता की रक्षा करते हैं और स्वच्छ भोजन तैयार करते हैं, क्योंकि वे मसालों और तेल का उपयोग नहीं करते। उन्होंने कहा, “हम शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों के बीच वन भोजन को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं। इसलिए हमने वन भोजन उत्सव का आयोजन किया। इससे जंगलों में रहने वाले लोगों की आजीविका में भी सुधार होगा।”

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