Surya-Budh-Shani Yuti: 13 फरवरी को सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। जबकि शनि पहले से ही इस राशि में विराजमान हैं। तो वहीं 19 फरवरी को बुध कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में पुत्र की राशि शनि में सूर्य का गोचर और त्रिग्रही योग विभिन्न जातकों पर शुभ-अशुभ असर डालेंगे। चलिए जानतें हैं ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे से कि सूर्य-बुध-शनि की युति का विभिन्न राशियों के जातकों पर क्या असर होगा।
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कुंभ राशि में त्रिग्रही योग (Surya-Budh-Shani Yuti in Kumbh)
सूर्य देव को ग्रहों का राजा माने जाते हैं। शनिदेव को सूर्य देव के पुत्र हैं। वर्तमान में शनि कुंभ राशि में विराजमान हैं। सूर्य और बुध का कुंभ राशि में प्रवेश हो रहा है। इन्हीं तीनों ग्रहों के योग के बारे में चर्चा करूंगा।
त्रिग्रही योग का राशियों पर असर (Trigrahi Yog Effect)
सूर्य किसी भी राशि में 1 वर्ष के बाद एक माह के लिए आता है। शनि 30 साल बाद किसी भी राशि में ढाई साल रहते है।
साढ़े 27 साल में शनि सूर्य की युति
शनि के साथ सूर्य की किसी एक राशि में युति 27 साल 6 महीने पर होती है। इसके बाद लगातार दो साल तक होती रहती है।
स्वयं की राशि में कुंभ का प्रवेश
इस बार शनि का प्रवेश अपनी स्वयं की राशि कुंभ में 17 जनवरी 2023 को हुआ था। सूर्य का कुंभ राशि में प्रवेश हर साल 13 या 14 फरवरी को होता है। इस साल सूर्य 13 फरवरी की रात में 8:01 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
सूर्य के कुंभ में प्रवेश के दौरान रहेगा धनिष्ठा नक्षत्र
कुंभ राशि में प्रवेश के समय शनि कुंभ राशि के शतभिषा नक्षत्र में रहेगा तथा सूर्य धनिष्ठा नक्षत्र में होगा।
घनिष्ठा नक्षत्र में क्या होता है
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार ( 8959594400) घनिष्ठा के स्वामी मंगल होते हैं और शतभिषा के स्वामी राहु होते हैं। इस प्रकार सूर्य का कुंभ में प्रवेश अपने मित्र राशि मंगल के नक्षत्र में हो रहा है और शनि राहु के नक्षत्र में रहेंगे। उस समय शनि अस्त भी रहेंगे। शनि देव 11 फरवरी 2024 से 18 मार्च 2024 तक अस्त रहेंगे। इस प्रकार सूर्य बुध और शनि के योग के पूरे समय शनि अस्त रहेंगे यानी उनका असर अत्यंत कम हो जाएगा।
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सूर्य कुंभ राशि में कब तक रहेंगे
सूर्य 13 फरवरी 8:01 रात को मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। जो एक महीने तक यानी 14 मार्च को 3:12 तक कुंभ राशि में ही रहेंगे। इसके बाद मीन राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
पुत्र की राशि में सूर्य का प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार सूर्य (Surya) पिता हैं और शनि (Shani) पुत्र हैं, इसलिए जब सूर्य देव अपने पुत्र की स्वामित्व वाली राशि में जाएंगे तो कुंभ राशि पर सूर्य का प्रभाव बढ़ जाएगा और शनि का प्रभाव कम हो जाएगा।
कुंभ में सूर्य का प्रभाव बढ़ेगा या कम होगा
पिता सूर्य और पुत्र शनि के संबंध अच्छे नहीं हैं इसलिए कुंभ राशि में सूर्य की शक्ति कम होगी। परंतु फिर भी सूर्य देव जब तक धनिष्ठा नक्षत्र में रहेंगे तब तक उनकी शक्ति में ज्यादा कमी नहीं आएगी। परंतु उसके बाद जब ये शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तो उनकी शक्ति में काफी कमी आएी। शतभिषा नक्षत्र के बाद में वे पहले पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी गुरु होता है, इसलिए यहां फिर से सूर्य की शक्ति में बढ़ोतरी हो जाएगी।
19 फरवरी को बुध करेंगे कुंभ में प्रवेश
19 फरवरी 2024 के शाम 6:11 रात अंत से 7 मार्च को 9:10 दिन तक कुंभ राशि में बुध भी रहेंगे। सूर्य के प्रभाव में होने कारण बुध भी 4 मार्च तक अस्त रहेंगे। बुध के सूर्य और शनि दोनों के मित्र हैं। अतः बुध का प्रभाव अस्त होने के कारण भी समाप्त नहीं होगा परंतु कम जरूर हो जाएगा।
बुध-सूर्य-शनि की युति
बुध, सूर्य और शनि का यह संयोग इसके पहले पिछले वर्ष 28 फरवरी 2023 से 15 मार्च 2023 तक तथा इसके पहले 6 मार्च 1993 से लेकर 14 मार्च 1993 तक था।
सूर्य-बुध-शनि के त्री ग्रही योग का राशियों पर असर
19 फरवरी 2024 से 7 मार्च तक 2024 तक सूर्य-बुध-शनि के त्रिग्रही योग का राशियों पर असर क्या होगा। जानते हैं।
मेष राशि
धन के चक्कर में आप परिवार से अलग हो सकते हैं। धन प्राप्त करने के लिए आपको दूर देश की यात्रा करनी पड़ सकती है। कोई धार्मिक यात्रा भी कर सकते हैं।
वृष राशि
आप अगर आप नौकरी में हैं, तो आपका ट्रांसफर हो सकता है। धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। व्यापार में उन्नति होगी। आपके मान—सम्मान में वृद्धि हो सकती है। परिवार में खुशियां आ सकती हैं। मानसिक शांति में वृद्धि होगी।
मिथुन राशि
आपके परिवार में धार्मिक कार्य होगा। आप साधु संन्यासियों के संपर्क में आ सकते हैं। धार्मिक कार्यों में आपकी रुचि में वृद्धि होगी। भाग्य आपका साथ देगा। मानसिक शांति प्राप्त होगी।
कर्क राशि
वर्तमान पर आप पर शनि की अढ़ैया चल रही है। इससे हो रहे नुकसान में कमी आएगी। व्यापार में परेशानी हो सकती है। मित्रों और रिश्तेदारों से कुछ परेशानी आपको हो सकती है। भगवान शंकर की विशेष रूप से पूजा करें।
सिंह राशि
आपकी मानसिक स्थिति अच्छी होगी। व्यापार में उन्नति होगी। जीवन साथी के स्वास्थ्य में थोड़ी परेशानी आ सकती है। रिश्तेदारों और पार्टनर से आपको परेशानी हो सकती है।
कन्या राशि
गुप्त शत्रुओं की संख्या में वृद्धि हो सकती है। परिचितों के साथ मतभेद हो सकता है। व्यापार में भी थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
तुला राशि
छात्रों की पढ़ाई में आ रही बाधाएं दूर होगी। संतान अगर कष्ट में है, तो उसमें कमी आएगी। धार्मिक साहित्य पढ़ने में रुचि होगी। संतान से किसी तरह की सहायता की उम्मीद न करें।
वृश्चिक राशि
आप पर शनि की साधारण अढ़ैया चल रही है। सुख की मात्रा में थोड़ी वृद्धि होगी। माता का स्वास्थ्य अगर खराब है, तो थोड़ा ठीक होगा। जनता में यदि आपके मान—सम्मान में कमी आई है तो उसमें थोड़ा सुधार हो सकता है।
धनु राशि
भाइ-बहनों के साथ संबंधों में थोड़ा मत-भेद हो सकता है। जिसके चलते आपको मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है। रिश्तेदारों पर भरोसा कम ही करें। भगवान शिव की आराधना करने की सलाह आपको दी जा रही है।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती अंतिम चरण पर है। यानी इन पर शनि की अंतिम अढ़ैया चल रही है। शनि की साढ़ेसाती से आपको जो भी परेशानी हो रही है। उसमें थोड़ी कमी आएगी। शनि के असर से अभी तक आपके जीवन में आर्थिक रूप से जो भी परेशानी आ रही थी उसमें कमी आ सकती है। आपको नेत्र रोग घेर सकते हैं इसलिए सावधानी रखें।
कुंभ राशि
आप पर शनि की साडेसाती चल रही है। आपके स्वास्थ्य और सुख में कमी हो रही होगी। इस समय में आपका स्वास्थ्य थोड़ा ठीक होने लगेगा। मानसिक स्थिति ठीक होगी।
मीन राशि
आप पर साडेसाती चल रही है। अगर आप कर्ज में हैं तो उसमें थोड़ी कमी आएगी। मानसिक रूप से आपको थोड़ी ताकत मिलेगी। आपको चाहिए कि आप इस समय का पूरा उपयोग करें।
त्रिग्रही योग से किसे लाभ-किसे हानि (Effect of Tri Grahi Yog)
इस अवधि में कर्क वृश्चिक मकर कुंभ और मीन राशि के जातकों को धनात्मक परिवर्तन दिखेगा। परंतु यह धनात्मक परिवर्तन केवल 18 मार्च तक रहेगा। अतः आपको अपने कई कार्य समय अवधि में कर लेने चाहिए। अन्य राशियों में यह समय कन्या राशि वालों के लिए खराब रहेगा। सिंह और तुला राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा। मेष, वृष और मिथुन राशि वालों को लाभ प्राप्त होगा। आपको चाहिए कि आप पर भगवान शिव का दूध और जल से अभिषेक करें।