मेंगलुरु। वर्षों से हाशिये पर रह रहे और भेदभाव का सामना करने वाले ट्रांसजेंडर लोग जिंदगी की नयी शुरुआत करने के लिए नए क्षेत्रों में हाथ आजमा रहे हैं। उडुपी जिले में, अन्य जिलों के रहने वाले ट्रांसजेंडरों के एक समूह ने रात को भोजन की तलाश करने वाले लोगों के लिए एक भोजनालय खोला है।
अपने पैरो पर खड़े होने का वादा
उडुपी की सड़कों पर भीख मांगकर गुजर-बसर करने वाली पूर्वी, वैष्णवी और चंदना ने उडुपी बस अड्डे के समीप एक भोजनालय खोलकर अपने पैरों पर खड़े होने का फैसला किया। वे देर रात एक बजे से सुबह सात बजे तक भोजनालय चलाते हैं। रात में सफर करने वाले लोगों और रात्रि पाली में काम करने वाले लोगों के लिए यह भोजनालय किसी वरदान से कम नहीं है। भोजनालय में स्वादिष्ट नाश्ते और चाय का लुत्फ लिया जा सकता है। रात के वक्त शहर के ज्यादातर होटल बंद होने पर अब बड़ी संख्या में लोग ट्रांसजेंडरों द्वारा चलाए जा रहे इस भोजनालय में आ रहे हैं। तीनों ट्रांसजेंडर ने कहा कि जनता से मिली प्रतिक्रिया उत्साहजनक है और उन्हें लोगों से सम्मान मिला है। उन्होंने कहा वे अब अपना सिर उठाकर जी रहे हैं।
इन तीनों ने रचा कारनामा
उडुपी पुलिस ने हाल में ट्रांसजेंडरों की अवैध गतिविधियों का पता लगाने के लिए रात को गश्त तेज की थी। ट्रांसजेंडर समुदाय को लेकर विश्वास की कमी होने के बीच इन तीनों ने सदियों की रूढ़ियों को तोड़कर नए क्षेत्र में हाथ आजमाया। राज्य में पहली एमबीए डिग्री धारक ट्रांसजेंडर समीक्षा कुंदर ने उनके भोजनालय में निवेश किया है। कुंदर ने कहा कि छोटे से कारोबार को चलाने के लिए भी जनता से स्वीकृति महत्वपूर्ण है। हालांकि, उन्होंने सकारात्मक ऊर्जा के साथ काम शुरू किया है।