MP Mla Training: राजधानी भोपाल में विधानसभा में नव निर्वाचित विधायकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम (MP Mla Training) शुरू हो चुका है। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) एमपी के नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय शिष्टाचार और आचरण की सीख (MP Mla Training) दी। उन्होंने कहा कि नियोजित तरीके से विधानसभा में व्यवधान पैदा करने की नई परंपरा चल पड़ी है ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि देशभर की विधानसभाओं में शालीनता का स्तर गिरता जा रहा है ये बड़ी चिंता का विषय है। आजकल विधायकों की रुचि प्रदेश और देश के विषयों में काम होती जा रही है जो चिंता का विषय है। संक्षिप्त में सवाल पूछने से ज्यादा से ज्यादा जवाब मिलते हैं।
प्रश्न करने वाले विधायक और जवाब देने वाले मंत्रियों के सवाल और जवाब के अध्यन से सरकार में पारदर्शिता बढ़ती है। किसी कानून की चर्चा में केवल विरोध के लिए विरोध और पक्ष को केवल समर्थन करने से हटकर तर्कों के साथ सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए।
कानून सही तो प्रतिपक्ष सहयोग करें, सही नहीं है तो चर्चा करें
ओम बिरला ने कहा कि मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा करनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा। विधानसभा में सत्रों की संख्या नहीं घटना चाहिए। पहली बार के विधायकों को ज्यादा बोलने का मौका सदन में मिलना चाहिए। श्रेष्ठ विधायक वही बन सकता है जो पूरे समय सदन में रहे। अगर आपको सिर्फ विधायक बनना है तो आकर चले जाएं और अगर प्रदेश का नेता बनना है तो पूरे समय सदन में रहें।
विधानसभा के अंदर एक रिसर्च सेल बने : बिरला
ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने कहा कि एमपी विधानसभा में 30 परसेंट यानी 69 विधायक पहली बार चुनकर आए हैं। एमपी की विधानसभा में कई अनुभवी विधायक भी हैं। इस अनुभव और ज्ञान का लाभ जनता को विधानसभा के माध्यम से मिले ये हमारा प्रयास होना चाहिए।
विधानसभा राज्य की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक संस्था है इसका इस्तेमाल कैसा होगा ये विधानसभा के सदस्यों यानी विधायकों पर निर्भर करता है। विधायक अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हो सकता है लेकिन विधानसभा एक ऐसा मंच है जिससे एक विधायक प्रदेश का लीडर बन सकता है। देश के जितने बड़े नेता बने हैं वो इन सदनों की चर्चा से ही बड़े बने हैं।
उन्होंने हर विधानसभा के अंदर एक रिसर्च सेल बनने की बात कही। कानून बनने के बाद रूल्स बनने में सालों हो जाते हैं लेकिन जनकल्याण के लिए एक्ट बनने के बाद जल्द से जल्द ही रूल्स बनाए जाने चाहिए।
सीएम ने समझाया प्रबोधन का अर्थ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादन ने अपने संबोधन में प्रबोधन का अर्थ समझाया। उन्होंने कहा कि प्रबोधन यह है कि प्रशिक्षण के पहले हम उस विषय में डूब जाएं, हमारे आचरण में व्यवहार में ज्ञान में एवं अपने सूक्ष्म शरीर, बाह्य शरीर का एकाकार करने का जो भाव, अगर हम धारण करते हैं तो इसका मतलब प्रबोधन का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार लोकतंत्र के मंदिर संसद की चौखट पर अपना सिर झुका कर जो अहसास हमें कराया है उससे बड़ा प्रबोधन आज के लोकतंत्र का नहीं हो सकता है।
जब हम विधानसभा में प्रवेश करते हैं तब यह विधानसभा जीवन में कई नए पाठ सीखने के लिए पाठशाला की तरह काम आती है। और इस पाठ शाला के पाठ में हर सत्र हमारे लिए जीवन का नया पाठ बने यही आकांक्षा है।
एमएलए रेस्ट हाउस को लेकर बनेगा नया प्रोजेक्ट : सीएम
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Dr Mohan Yadav) ने बड़ा ऐलान किया है। एमएलए रेस्ट हाउस को लेकर नया प्रोजेक्ट बनाया जाएगा। दरअसल कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर (Vidhansabha Speaker Narendra Singh Tomar,) ने कहा कि विधायकों के आवास के लिए एक अनार और सौ बीमार जैसी स्तिथि होती है।विधायक रेस्ट हाउस 1956 में बना था वो आज अव्यावहारिक हो गया है।
तोमर ने सीएम से एमएलए आवास के लिए नया प्रोजेक्ट लाने का अनुरोध किया। जिसके बाद सीएम ने एमएलए रेस्ट हाउस (MP Mla Training) को लेकर नए प्रोजेक्ट बनाने का ऐलान किया।
राजनीति ही ऐसा क्षेत्र जिसमें न्यूनतम योग्यता नहीं : तोमर
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जितने नियम प्रक्रिया बने हैं ऐसे बहुत कम सदस्य होते हैं जो इन प्लेटफार्म का उपयोग ही नहीं कर पाते।
एकमात्र राजनीति (MP Mla Training) ही ऐसा क्षेत्र है जहां किसी भी तरह की कोई न्यूनतम योग्यता का बंधन नहीं है, लेकिन जो विधायक सही तरह से अपने आप को ट्रेन करता है वो अपने क्षेत्र के लिए काम सही से कर पाता है। तोमर ने कहा कि यदि प्रक्रिया के अनुसार प्रश्न करें (MP Mla Training) तो ऐसा कोई सदस्य नहीं बचेगा जो सदन में सवाल करने से वंचित रह जाए।
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पक्ष और विपक्ष के विधायकों को बोलने का समय अधिक नहीं मिला : सिंघार
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने संबोधन में कहा कि ओम बिरला जी लोकसभा को मुद्दे से नहीं भटकने देते। बीते सालों में विधानसभा (MP Mla Training) में बैठकें काम हुई हैं। पक्ष और विपक्ष के विधायक साथियों को बोलने का समय अधिक नहीं मिला। एक समय विधानसभा (MP Mla Training) में सवाल उठने पर जवाब देना जरूरी होता था।
सामान्य प्रशासन विभाग से विधायक प्रोटकॉल भी गिरा है। उन्होंने मंत्रियों से अनुरोध किया कि कुछ चीजों के जवाब में दिल से सोचा जाए। विकास के नाम पर पार्टी का झगड़ा नहीं होना चाहिए।
लोकसभा महासचिव ने भी किया संबोधित
इससे पहले लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा संसद की ओर से हमारा सौभाग्य है कि मप्र के नवनिर्वाचित विधायकों (MP Mla Training) के प्रबोधन का अवसर दिया गया है। किसी प्रकार के सहयोग के लिए संसद हमेशा तैयार है।
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दो दिन चलेगा प्रशिक्षण
नवनिर्वाचित विधायकों के लिए विधानसभा के मानसरोवर सभागार में प्रबोधन कार्यक्रम (MP Mla Training) दो दिन तक चलेगा। पहली बार निर्वाचित विधायकों को ध्यान में रखते हुए यह प्रबोधन कार्यक्रम (MP Mla Training) आयोजित किया जा है।
विधानसभा में दो दिन के छह सत्रों में अलग-अलग विषयों पर चर्चा (MP Mla Training) होगी। पहले दिन मंगलवार को सुबह उद्घाटन सत्र हुआ। इसमें जिसमें लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, मप्र विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, उप्र विस अध्यक्ष सतीश महाना, सीएम डॉ. मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपने विचार रखेंगे।
आज यूपी के विधानसभा अध्यक्ष और सुरेश पचौरी का भी व्याख्यान
9 जनवरी को प्रबोधन कार्यक्रम (MP Mla Training) का प्रथम सत्र ‘प्रभावी विधायक कैसे बनें, संसदीय शिष्टाचार एवं आचरण’ विषय पर केंद्रित होगा। इस विषय पर उत्तरप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना सदस्यों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। मंगलवार को लोकसभा में लाभ के पदों संबंधी संयुक्त समिति के अध्यक्ष डॉ. सत्यपाल सिंह का भी उद्बोधन होगा।
9 जनवरी को द्वितीय सत्र (MP Mla Training) का विषय ‘संसदीय प्रक्रियाएं−स्थगन, ध्यानाकर्षण, अविलंब लोक महत्व की सूचनाएं− महत्व तथा उनका उपयोग’ रहेगा। इस सत्र में पूर्व सांसद राज्यसभा सुरेश पचौरी का व्याख्यान होगा। शाम 6.30 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
कल होगा समापन
10 जनवरी को सुबह 11 बजे से चतुर्थ सत्र (MP Mla Training) आयोजित किया जाएगा जिसका विषय ‘संसदीय प्रणाली में समितियों की भूमिका’ रहेगा। पंचम सत्र ‘बजट, आय व्ययक, अनुदान की मांगों पर चर्चा, कटौती प्रस्ताव’ पर केंद्रित रहेगा। षष्टम सत्र ‘संसदीय विशेषाधिकार’ पर केंद्रित रहेगा। ‘प्रश्नकाल एवं प्रश्नों से उद्भूत आधे घंटे की चर्चा’ पर केंद्रित विषय पर मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा अपना व्याख्यान देंगे।
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बजट प्रक्रिया, आय व्ययक, अनुदान मांगों पर व्याख्यान देंगे। 10 जनवरी को शाम 4 बजे से समापन सत्र का आयोजन किया जाएगा। समापन सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संसदीय कार्य मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपने विचार रखेंगे। इस सत्र (MP Mla Training) में स्वागत भाषण विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव एपी सिंह देंगे।
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