हाइलाइट्स
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इस सीट पर 2004 से बीजेपी का कब्जा
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20 लाख मतदाता डालेंगे अपना वोट
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एससी 25%, ओबीसी के 42% वोटर
Janjgir-Champa Lok Sabha Seat: तीसरे चरण में छत्तीसगढ़ की जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट में 7 मई को मतदान होगा। यहां चुनावी प्रचार जोर-शोर से जारी है। इस सीट से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया को प्रत्याशी बनाया है।
वहीं बीजेपी ने यहां नई प्रत्याशी कमलेश जांगड़े को चुनाव मैदान उतारा है। बता दें कि इस लोकसभा सीट में सबसे अधिक ओबीसी वोटरों की संख्या अधिक है।
जबकि यहां पर निर्णायक की भूमिका अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के मतदाता निर्णाय की भूमिका में होते हैं।
छत्तीसगढ़ की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक मानी जाने वाली लोकसभा सीट जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। इस लोकसभा में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
इनमें से तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। ये सभी सीटें जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) जिले की है। इसलिए कांग्रेस का पलड़ा इस बार भारी दिखता नजर आ रहा है। हालांकि यहां पर लोकसभा में पिछले कुछ चुनावों में बीजेपी का कब्जा रहा है।
यहां का जातीय समीकरण
जांजगीर-चांपा लोकसभा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या 25 प्रतिशत है। वहीं अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या 11.6 प्रतिशत के करीब हैं।
बता दें कि यही मतदाता हैं जो हर चुनाव में निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। इसका कारण यह भी है कि ये मतदाता एकतरफा वोट करते हैं। हालांकि यहां पर ओबीसी वोटर 42 प्रतिशत है।
यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या एक प्रतिशत, ईसाई 0.18, जैन 0.06 प्रतिशत हैं। यहां सामान्य वर्ग के मतदाताओं की संख्या 7 प्रतिशत के आसपास मानी जाती है।
20 साल से बना बीजेपी का गढ़
बता दें कि यहां पर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मतदाताओं का मूड अलग-अलग रहता है। इसलिए अभी किस पार्टी को बहुमत मिलेगा यह कहना संभव नहीं है।
हालांकि पिछले रिकॉर्डों की बात करें तो यह लोकसभा सीट (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) बीजेपी का गढ़ बन गई है।
बीजेपी का किला भेदने इस बार कांग्रेस ने मजबूत कैंडिडेट मैदान में उतारा है। बता दें कि वर्ष 2004 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन पिछले 20 सालों में कांग्रेस, बीजेपी से यह सीट नहीं छीन पाई।
लोकसभा में 20 लाख मतदाता
बता दें कि इस लोकसभा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) में 20 लाख 52 हजार मतदाता हैं। चंद्रपुर में 1 लाख 17 हजार 599 पुरुष और 1 लाख 19 हजार 803 महिला मतदाता हैं।
बिलाईगढ़ विधानसभा में 1 लाख 53 हजार 99 पुरुष और 1 लाख 53 हजार 579 महिला मतदाता हैं। जबकि कसडोल विधानसभा में महिला और पुरुष मतदाताओं में मात्र 58 का अंतर है। यहां 58 पुरुष मतदाता ज्यादा हैं।
कसडोल विधानसभा में तीन लाख 68 हजार 136 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता एक लाख 84 हजार 96 और महिला मतदाता एक लाख 84 हजार 38 है।
सक्ती विधानसभा दो लाख 16 हजार 915 वोटर हैं। जिन्हें प्रत्याशी अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रहे हैं।
यहां बीजेपी मजबूत
चुनाव प्रचार के साथ ही जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) में प्राय: हर विधानसभा क्षेत्र में कई बड़े कांग्रेसी नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
इनमें कांग्रेस के प्रदेश संयुक्त महासचिव इंजी रवि पांडेय, कांग्रेस के पूर्व विधायक चुन्नीलाल साहू समेत अन्य नेता हैं जो बीजेपी में आकर अब चुनाव प्रचार भी कर रहे हैं।
इसके अलावा राष्ट्रवाद, मोदी की गारंटी और वादों को लेकर बीजेपी यहां मजबूत नजर आ रही है।
यहां बीजेपी कमजोर
जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) जिले की प्रमुख तीन सीटों पर 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कब्जा किया है। यही क्षेत्र बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है। यहां स्थानीय प्रत्याशी मोदी की गारंटी और राष्ट्रीय मुद्दों पर ही निर्भर हैं।
यहां कांग्रेस मजबूत
जांजगीर-चांपा (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) जिले की तीन विधानसभा सीटों पर कांग्रेस मजबूत हैं। पूर्व मंत्री रहे शिवकुमार डहरिया का पूरी लोकसभा सीट पर अच्छा प्रभाव है।
पिछली कांग्रेस की राज्य में सरकार के दौरान क्षेत्र में विकास कार्य हुए हैं, उन विकास कार्यों को लेकर जनता का विश्वास जीतने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने न्याय की गारंटी दी है।
यहां कांग्रेस कमजोर
छत्तीसगढ़ समेत जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट (Janjgir-Champa Lok Sabha Seat) पर भी कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
कांग्रेस यहां डेमेज कंट्रोल करने में असमर्थ सी नजर आई है। बीजेपी में शामिल नेता बीजेपी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। यह कोर वोटर पर सेंधमारी कर सकते हैं।
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आजदी के बाद से ये रहे सांसद
1957- अमर सिंह सहगल/मिनीमाता अगम दास गुरु- कांग्रेस
1962- अमर सिंह सहगल/ मिनीमाता अगम दास गुरु- कांग्रेस
1967- मिनीमाता अगम दास गुरु – कांग्रेस
1971- मिनीमाता अगम दास गुरु – कांग्रेस
1974- मनहर भगतराम – कांग्रेस
1977- मदन लाल शुक्ला- BJP
1980- रामगोपाल तिवारी – कांग्रेस
1984- प्रभात कुमार मिश्र – कांग्रेस
1989- दिलीप सिंह जूदेव – BJP
1991- भवानी लाल वर्मा – कांग्रेस
1996- मनहरण लाल पांडे – BJP
1998- चरण दास महंत- कांग्रेस
1999- चरण दास महंत- कांग्रेस
2004- करुणा शुक्ला – BJP
2009- कमला देवी पाटले- BJP
2014- कमला देवी पाटले- BJP
2019- गुहाराम अजगल्ले-BJP