क्या आप भी एक ही मूवी को बार-बार देखते हैं? हर सीन, हर डायलॉग रटा है, फिर भी उसे देखने का मन करता है.. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो क्या आपने कभी सोचा ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे क्या साइकोलॉजी है। जब भी हमारा दिन खराब जाता है, हम वही पुरानी फ़िल्में या शो देखने बैठ जाते हैं, जिन्हें हम दसियों बार देख चुके होते हैं। Stranger Things, हम साथ-साथ हैं, हम आपके हैं कौन, Friends हो या हमारी पसंदीदा फैमिली ड्रामा। इनके हर डायलॉग ज़बानी याद होते हैं, फिर भी इन्हें देखना अच्छा लगता है। क्यों? क्यों हमारा दिमाग इन्हीं पुरानी फिल्मों में सुकून खोजता है? तो आइए जानते हैं मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी का क्या कहना है।
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