नई सोच वाले एक युवक ने शादी के लिए दहेज में मिले 31 लाख रुपये स्वीकार न कर समाज में मिसाल पेश की है.... 22 नवंबर को मुज़फ्फरनगर के एक बैंक्वेट हॉल में बारात पहुंची। जयमाला से पहले तिलक की रस्म के दौरान वधू पक्ष ने 31 लाख रुपये से सजी थाली दूल्हे के सामने रखी। सबको लगा कि यह रस्में सामान्य रूप से पूरी हो जाएंगी, लेकिन तभी माहौल बदल गया। शिक्षित और जागरूक अवधेश ने पूरी भीड़ के सामने हाथ जोड़कर दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने थाली से सिर्फ एक रुपया उठाते हुए कहा, जिसने अपनी बेटी दे दी, उसने सब कुछ दे दिया। दहेज लेना अपराध ही नहीं, समाज पर कलंक है। बुढ़ाना तहसील के नगवा गांव के 26 साल के अवधेश ने अदिति सिंह से शादी करते हुए दहेज प्रथा के खिलाफ एक मिसाल पेश की। उनके इस साहसिक कदम पर वहां मौजूद हर मेहमान ने तालियां बजाकर दूल्हे को सम्मान दिया। आज उनका यह निर्णय पूरे मुज़फ्फरनगर ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी में प्रेरणा बन गया है, यह साबित करते हुए कि बदलाव किसी बड़ी क्रांति से नहीं, एक सही फैसले से शुरू होता है।
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