क्या आपने कभी सोचा है कि नेशनल हाईवे पर आपको 'रेड कारपेट' का अहसास हो सकता है? मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर और राजधानी भोपाल को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-45 पर कुछ ऐसा ही अनोखा करिश्मा हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI ने यहां देश में पहली बार 'टेबल टॉप रेड मार्किंग' तकनीक का इस्तेमाल किया है। वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के बीच से गुजरने वाली यह सड़क अब पूरी तरह लाल रंग में रंगी नजर आ रही है। लेकिन यह सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं है, बल्कि हमारे बेजुबान वन्यजीवों की जान बचाने के लिए उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। बाघ, तेंदुआ और हिरण जैसे जानवरों की सुरक्षा के लिए बिछाई गई ये लाल सड़क अब देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इस प्रोजेक्ट का सबसे खास हिस्सा है 2 किलोमीटर की वो स्ट्रेच, जहां 5 मिलीमीटर मोटी उभरी हुई लाल मार्किंग की गई है। जैसे ही कोई तेज रफ्तार वाहन इस पर आता है, ड्राइवर को हल्का कंपन महसूस होता है, जिससे गाड़ी की स्पीड अपने आप कम हो जाती है। पहले यह इलाका 'ब्लैक स्पॉट' था, जहां आए दिन वन्यजीव हादसों का शिकार होते थे, लेकिन अब 25 अंडरपास और इस 'रेड कारपेट' तकनीक ने इसे देश की सबसे सुरक्षित सड़क बना दिया है। साल 2025 में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट न सिर्फ सड़क विकास का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि पर्यावरण और प्रगति के बीच एक खूबसूरत तालमेल भी पेश करता है। अब जब आप इस हाईवे से गुजरेंगे, तो आपको लगेगा मानो प्रकृति के राजाओं के लिए रेड कारपेट बिछाया गया हो!
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