भारत के नए श्रम कानूनों ने कर्मचारियों और गिग वर्कर्स दोनों के लिए बड़े बदलावों का रास्ता खोला है। इन कोड्स का लक्ष्य कम कागज़ी कार्य, सरल प्रक्रियाएँ और तेज़ प्रशासनिक सिस्टम बनाना है, जो 2047 तक “विकसित भारत” के विज़न के लिए आधार तैयार करेंगे।
1) ग्रेच्युटी नियम में बड़ा बदलाव
अब तक निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को 5 साल नौकरी करने के बाद ही ग्रेच्युटी मिलती थी। लेकिन नए नियमों के तहत सिर्फ 1 साल की पक्की नौकरी के बाद भी ग्रेच्युटी मिलेगी। यह बदलाव करोड़ों कर्मचारियों को तात्कालिक लाभ देगा।
2) सैलरी और ओवरटाइम की गारंटी
Appointment Letter देना हर कंपनी के लिए अनिवार्य होगा।
कर्मचारियों को समय पर सैलरी मिलना कानूनी बाध्यता होगी।
ओवरटाइम कराने पर दुगना वेतन मिलेगा—यह अब कानूनी रूप से अनिवार्य है।
3) स्वास्थ्य सुरक्षा—40+ कर्मचारियों के लिए मुफ्त चेकअप
40 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को हर साल मुफ्त हेल्थ चेकअप का अधिकार मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य और सुरक्षा दोनों में सुधार होगा।
पहली बार—Gig और Platform Workers को कानूनी पहचान
ऑनलाइन ऐप्स के लिए काम करने वाले लोग—जैसे डिलीवरी एजेंट, कैब ड्राइवर—अब कानून के तहत मान्यता प्राप्त गिग वर्कर्स होंगे। उन्हें भी
PF
बीमा
पेंशन
जैसे सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेंगे।
कंपनियों के लिए भी बड़ा बदलाव
कई रजिस्ट्रेशन और कागज़ी कार्य की जगह अब Single License और Single Return की सुविधा दी गई है, जिससे कामकाज और तेज़ व सरल होगा।
सरकार का दावा है कि ये नए कोड्स सुरक्षा, सम्मान और स्थिरता बढ़ाएंगे और भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने में निर्णायक योगदान देंगे
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