Advertisment

मंदसौर: सिर्फ ₹2 किलो प्याज! किसानों ने अपनी फसल का किया 'अंतिम संस्कार', श्मशान में फूट-फूट कर रोए

मंदसौर में उचित दाम न मिलने से दुखी किसानों ने प्याज की प्रतीकात्मक अर्थी उठाई। छह महीने की मेहनत बेकार जाने पर किसानों ने भावनात्मक विरोध करते हुए फसल को मुखाग्नि दी और प्रशासन से राहत की मांग की।

author-image
Sourabh Pal

मंदसौर: सिर्फ ₹2 किलो प्याज! किसानों ने अपनी फसल का किया 'अंतिम संस्कार', श्मशान में फूट-फूट कर रोए #KisanProtest#PyazKiArthhi#Mandsaur वीडियो में प्याज को अंतिम विदाई देते दिख रहे ये किसान... सिर्फ प्याज को नहीं, बल्कि अपनी छह महीने की कड़ी मेहनत, अपने सपनों और उम्मीदों को अंतिम विदाई दे रहे हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से आई यह तस्वीर सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, यह उस अन्नदाता की हताशा है जिसे अपनी मेहनत का मोल नहीं मिल रहा। उचित दाम न मिलने से परेशान धमनार के किसानों ने आज प्रतीकात्मक रूप से फैसला किया कि उनकी फसल 'मर चुकी है'। उन्होंने पूरे रीति-रिवाज और बैंड-बाजे के साथ 'प्याज की अर्थी' सजाई, और 'रघुपति राघव राजा राम' की धुन के बीच उसे श्मशान घाट ले जाकर मुखाग्नि दी। यह दृश्य बताता है कि आज किसान किस गहरे भावनात्मक और आर्थिक संकट से गुज़र रहा है और क्यों उन्हें मजबूर होकर यह अनोखा 'जन-आक्रोश' दिखाना पड़ा। पिछले साल जो फसल बाज़ार में 25 से 30 रुपये प्रति किलो तक बिक रही थी, आज उसकी कीमत ज़मीन पर गिरकर मात्र एक से दो रुपये प्रति किलो रह गई है। किसान को अपनी लागत तक नहीं मिल रही, जिसके चलते उन्हें मजबूरी में अपनी फसल पर रोटावेटर चलाना पड़ रहा है। प्याज की यह 'अंतिम यात्रा' सरकार और व्यवस्था से किया गया एक कड़वा सवाल है। किसानों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही राहत नहीं मिली, तो उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ेगी और आंदोलन और तेज़ होगा। यह सिर्फ प्याज का नुकसान नहीं होगा—यह हमारी कृषि व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न होगा, जिसे समय रहते संभालना होगा।"

Advertisment
Farmers protest Mandsaur
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें