मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने... बुंदेलखंड के विकास की नई इबारत लिखी है... इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में लगातार तीन दिन रुककर समीक्षा की और विकास योजनाओं पर मुहर लगाई... कनेक्टिविटी को मज़बूत करने के लिए दो नेशनल हाईवे को जोड़ने वाला एक नया फोर-लेन प्रोजेक्ट मंजूर किया गया, साथ ही 76.680 किलोमीटर लंबे सागर–समर मार्ग के लिए ₹2069 करोड़ की स्वीकृति दी गई, जो बुंदेलखंड के लॉजिस्टिक्स और पर्यटन को तेज़ी से बढ़ाएगा। विकास की आधारशिला रखते हुए, 44,500 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया, जिससे कृषि, पीने के पानी और उद्योग, तीनों को बड़ा लाभ मिलेगा.... इस कैबिनेट का मुख्य फोकस बुंदेलखंड में रोज़गार और निवेश को बढ़ाना रहा। सागर में 24,240 करोड़ रुपये के बड़े निवेश से मेगा इंडस्ट्रियल पार्क को मंजूरी मिली, जिससे क्षेत्र में 3,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोज़गार पैदा होंगे। यह इंडस्ट्रियल पार्क बुंदेलखंड को औद्योगिक शक्ति केंद्र बनाएगा... सबसे बड़ी और अनूठी घोषणा... पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को अगले दो सालों में कौशल प्रशिक्षण और रोज़गार के लिए जर्मनी और जापान भेजा जाएगा, जिसके लिए 'सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड' मॉडल अपनाया जाएगा। इसके साथ ही, खजुराहो स्टोन क्राफ्ट, पन्ना डायमंड और छतरपुर फ़र्नीचर को जीआई टैग मिलने से स्थानीय कारीगरों के लिए वैश्विक बाज़ार के दरवाजे खुलेंगे....स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दमोह और छतरपुर मेडिकल कॉलेजों में 535 से अधिक नए पदों की स्वीकृति दी गई, और घोषणा की गई कि दमोह, पन्ना, कटनी और छतरपुर में चार नए मेडिकल कॉलेज अगले साल शुरू हो जाएंगे। इसके साथ ही, राज्य के ईको-टूरिज्म को बड़ा बूस्ट देते हुए, नौरादेही (दमोह) अभयारण्य को मध्य प्रदेश के तीसरे चीता रहवास क्षेत्र के रूप में विकसित करने की स्वीकृति दी गई
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