क्या सोशल मीडिया पर 'फॉलोअर्स' की संख्या किसी को कानून से ऊपर होने का हक दे देती है? इंदौर के हीरानगर से एक ऐसा ही चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने पुलिस और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर के बीच की बहस को एक नए विवाद में बदल दिया है। स्कीम नंबर 136 के 'जंगल कैफे' के पास एक तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर नर्सरी में जा घुसी। कार में सवार युवक कथित तौर पर नशे में थे और कार के अंदर से शराब की बोतलें भी मिलीं। इस हादसे में कार का ड्राइवर राहुल घायल हो गया और आसपास खड़े वाहनों को भी काफी नुकसान पहुंचा। जब हेड कांस्टेबल खेम सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, तो वहां मौजूद खुद को इन्फ्लूएंसर बताने वाले सोनू नाम के युवक से उनकी कहासुनी हो गई। सोनू पुलिसकर्मी को थप्पड़ मारने की धमकी दे रहा है। वह पुलिस पर माफी मांगने का दबाव बना रहा है। हैरानी की बात यह है कि सोनू ने अपने 'एक करोड़ फॉलोअर्स' का रौब झाड़ते हुए कहा कि अगर पुलिस ने माफी नहीं मांगी, तो वो वीडियो वायरल कर उन्हें बर्बाद कर देगा। इन्फ्लूएंसर सोनू का आरोप है कि पुलिसकर्मी ने उसे पहले थप्पड़ मारा। वहीं, मौके पर मौजूद चश्मदीदों का कहना है कि सोनू खुद पुलिस पर दबाव बना रहा था और उनके काम में बाधा डाल रहा था। वीडियो में पुलिसकर्मी घायल ड्राइवर को अस्पताल ले जाने की बात कह रहे हैं, लेकिन इन्फ्लूएंसर सिर्फ अपनी माफी वाली बात पर अड़ा हुआ है। फिलहाल, पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या डिजिटल पावर का इस्तेमाल किसी सरकारी कर्मचारी को डराने के लिए करना सही है? इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है? हमें कमेंट्स में जरूर
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