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हरदा में 'यूरिया' का हाहाकार: कड़कड़ाती ठंड में ठिठुरता किसान, सिस्टम पूरी तरह फेल!

मध्य प्रदेश के हरदा में यूरिया खाद के लिए किसान कड़ाके की ठंड में सुबह 4 बजे से लाइन में खड़े हैं। पर्याप्त स्टॉक के बावजूद खराब वितरण व्यवस्था से हालात बेकाबू हो गए हैं।

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Sourabh Pal

आज की सबसे चिंताजनक और झकझोर देने वाली तस्वीरें मध्य प्रदेश के हरदा से सामने आई हैं, जो प्रशासनिक दावों की पोल खोल रही हैं। रबी की फसलों के लिए अमृत माने जाने वाले यूरिया के लिए, हमारे अन्नदाता कड़कड़ाती ठंड में सुबह 4 बजे से ही लाइनों में लगने को मजबूर हैं। हैरानी की बात यह है कि जिले में 80% यूरिया का स्टॉक पहुंच चुका है, लेकिन वितरण व्यवस्था इतनी लचर है कि गोदामों के बाहर अफरा-तफरी मची हुई है। किसान खेती छोड़कर खाद के लिए घंटों ठिठुर रहे हैं, लेकिन उन्हें राहत मिलती नहीं दिख रही। हरदा के एमपी एग्रो शासकीय गोदाम पर हालात यह हैं कि भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस बल तैनात करना पड़ा है। प्रशासन ने दिखावे के लिए चार काउंटर तो बना दिए, जिनमें एक महिलाओं के लिए है, लेकिन किसानों की भारी तादाद के आगे यह इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। लाइन में लगे किसानों का कहना है कि वे सिर्फ इस उम्मीद में खड़े हैं कि खाद मिले और वे घर लौट सकें। प्रशासन को तत्काल प्रभाव से वितरण व्यवस्था सुचारू करनी होगी, वरना यह 'खाद संकट' किसानों के सबर का बांध तोड़ सकता है।"

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