नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की नई फसल की आवक के साथ दिसंबर से इसके भाव नरम पड़ने की उम्मीद है। टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य बेमौसम बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में 63 प्रतिशत बढ़कर 67 रुपये प्रति किलो होने के साथ सरकार का यह बयान आया है। वहीं प्याज के मामले में, खुदरा कीमतें वर्ष 2020 और वर्ष 2019 के स्तर से काफी नीचे आ गई हैं।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा, ‘देश के उत्तरी राज्यों से टमाटर की आवक दिसंबर की शुरुआत से ही शुरू हो जाएगी। इससे उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी। दिसंबर में आवक पिछले साल के बराबर रहने की उम्मीद है।’ इस साल नवंबर में आवक 19.62 लाख टन थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 21.32 लाख टन थी। टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी के कारणों के बारे में बताते हुए, मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण सितंबर के अंत से टमाटर की खुदरा कीमतें बढ़ी हैं। बारिश की वजह से टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और इन राज्यों से आने में देरी हुई।
बयान में कहा गया है कि उत्तर भारतीय राज्यों से देरी से आवक के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई, जिससे आपूर्ति बाधित हुई और फसल को भी नुकसान हुआ। मंत्रालय ने कहा कि टमाटर की कीमत अत्यधिक अस्थिर है। आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह की बाधा या भारी बारिश के कारण क्षति होने से कीमतों में तेजी आती है। इसके विपरीत, थोक मात्रा में आवक और लॉजिस्टिक की समस्या होने पर बाजार में अधिक आपूर्ति की स्थिति पैदा हे जाती है। इसके परिणामस्वरूप खुदरा कीमतों में गिरावट आती है।
इस महीने 25 नवंबर तक टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 67 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 63 प्रतिशत अधिक है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, चालू वर्ष में टमाटर का खरीफ (गर्मी) उत्पादन 69.52 लाख टन है, जबकि पिछले साल 70.12 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था। हालांकि, प्याज के मामले में, मंत्रालय ने कहा कि कीमतों में काफी कमी आई है और यह स्तर 2020 और 2019 में खुदरा कीमतों से नीचे है। आकंड़े के अनुसार 25 नवंबर को प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 39 रुपये प्रति किलो था जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत कम है।
मंत्रालय ने कहा कि उसने मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बनाए गए 2.08 लाख टन के बफर प्याज स्टॉक को उन राज्यों और शहरों के लिए व्यवस्थित और लक्षित तरीके से जारी किया जहां कीमतें पिछले महीने की तुलना में बढ़ रही थीं। लासलगांव और पिंपलगांव जैसे बाजारों में भी स्टॉक की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इस स्टॉक को जारी किया गया। सरकार की मदर डेयरी की सफल इकाइयों को भी परिवहन लागत सहित 26 रुपये प्रति किलो प्याज की आपूर्ति की गई है।
यहां इतनी रही कीमत
मंत्रालय ने कहा, ‘बफर से प्याज की भारी मात्रा के जारी किये जाने से कीमतों में स्थिरता आई है।’ सरकारी आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को टमाटर की खुदरा कीमत राष्ट्रीय राजधानी में 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जबकि दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में कीमतों में नरमी आई, लेकिन अभी भी यह कीमत अधिक ही है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चेन्नई में, टमाटर की खुदरा कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये किलो के उच्चतम स्तर से शुक्रवार को घटकर 63 रुपये प्रति किलो रह गई। इसी तरह, तिरुवनंतपुरम में, कीमत उक्त अवधि में 103 रुपये किलो से घटकर 80 रुपये प्रति किलो रह गई। पुडुचेरी में शुक्रवार को टमाटर की कीमत 22 नवंबर को 100 रुपये प्रति किलो से घटकर 45 रुपये प्रति किलो रह गई।
हालांकि, हैदराबाद में, कीमत दो दिनों के दौरान पहले के 90 रुपये प्रति किलो से थोड़ा कम होकर 72 रुपये प्रति किलो रह गई। बेंगलूरु में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत 88 रुपये प्रति किलो के उच्च स्तर पर बनी रही। पोर्ट ब्लेयर में, कीमत 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलोग्राम से शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर की खुदरा कीमत शुक्रवार को बढ़कर 75 रुपये प्रति किलो हो गई, जो 22 नवंबर को 63 रुपये प्रति किलो थी।
हालांकि, दिल्ली में प्याज और आलू की खुदरा कीमतों में नरमी आयी है। खुदरा प्याज की कीमत 35 रुपये प्रति किलो और आलू 20 रुपये प्रति किलो पर चल रही थी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, टमाटर का औसत अखिल भारतीय अधिकतम खुदरा मूल्य शुक्रवार को बढ़कर 143 रुपये प्रति किलो हो गया, जो 22 नवंबर को 113 रुपये प्रति किलो था।