नई दिल्ली। भारी बारिश के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में टमाटर की खुदरा कीमतें 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। देश के अधिकांश खुदरा बाजारों में सितंबर के अंत से टमाटर की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण दक्षिणी राज्यों में कीमतों में भारी तेजी आई है।
उत्तरी क्षेत्र में टमाटर की खुदरा कीमतें सोमवार को 30-83 रुपये प्रति किलोग्राम के दायरे में चल रही थीं, जबकि पश्चिमी क्षेत्र में कीमतें 30-85 रुपये प्रति किलोग्राम और पूर्वी क्षेत्र में 39-80 रुपये प्रति किलोग्राम थी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा रखे जाने वाले आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले कुछ हफ्तों से टमाटर का अखिल भारतीय औसत मूल्य 60 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चस्तर पर बना हुआ है।
टमाटर की खुदरा कीमतें मायाबंदर में 140 रुपये प्रति किलोग्राम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में 127 रुपये प्रति किलोग्राम पर चल रही थीं। केरल के तिरुवनंतपुरम में टमाटर 125 रुपये प्रति किलोग्राम, पलक्कड़ और वायनाड में 105 रुपये प्रति किलोग्राम, त्रिशूर में 94 रुपये प्रति किलोग्राम, कोझीकोड में 91 रुपये प्रति किलोग्राम और कोट्टायम में 83 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिक रहा है। कर्नाटक में इसकी खुदरा कीमत मेंगलूर और तुमकुरु में 100 रुपये प्रति किलो, धारवाड़ में 75 रुपये प्रति किलो, मैसूर में 74 रुपये प्रति किलो, शिवमोगा में 67 रुपये प्रति किलो, दावणगेरे में 64 रुपये प्रति किलो थी और बेंगलुरु में 57 रुपये प्रति किलो चल रही थी।
तमिलनाडु में भी टमाटर रामनाथपुरम में 102 रुपये प्रति किलो, तिरुनेलवेली में 92 रुपये प्रति किलो, कुड्डालोर में 87 रुपये प्रति किलो, चेन्नई में 83 रुपये प्रति किलो और धर्मपुरी में 75 रुपये प्रति किलो था। आंध्र प्रदेश में, विशाखापत्तनम में टमाटर 77 रुपये प्रति किलो और तिरुपति में 72 रुपये प्रति किलो पर बेचा गया, जबकि तेलंगाना में, वारंगल में टमाटर 85 रुपये प्रति किलो था। पुडुचेरी में सोमवार को टमाटर का खुदरा भाव 85 रुपये प्रति किलो था।
महानगरों में सोमवार को मुंबई में टमाटर 55 रुपये प्रति किलो, दिल्ली में 56 रुपये किलो, कोलकाता में 78 रुपये किलो और चेन्नई में 83 रुपये किलो बिका। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 26 नवंबर को कहा था कि उत्तरी राज्यों से ताजा फसल आने से दिसंबर से टमाटर की कीमतों में नरमी आने की संभावना है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश के कारण सितंबर के अंत से खुदरा टमाटर की कीमतों में तेजी आई है। बारिश के कारण टमाटर की फसल को नुकसान हुआ और इन राज्यों से आवक में देरी हुई।
उत्तर भारत के राज्यों से देरी से आवक के बाद तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में भारी बारिश हुई, जिससे आपूर्ति बाधित हुई और फसल को भी नुकसान हुआ। इसमें कहा गया है कि टमाटर की कीमतें अत्यधिक अस्थिर हैं और आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी तरह की बाधा या भारी बारिश के कारण कीमतों में तेजी आती है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, चालू वर्ष में टमाटर का खरीफ (गर्मी) उत्पादन 69.52 लाख टन है, जबकि पिछले साल 70.12 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था।