रायपुर। आज का मुद्दा: छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है। पहले तो अनुसूचित क्षेत्रों में योजना प्रारंभ की गई। अब इसका विस्तार गैर अनुसूचित क्षेत्रों में भी किया गया है। योजना का ऐलान होते ही इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है।
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छत्तीसगढ़ी अस्मिता को अहम मुद्दा बनाने की तैयारी
छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में चुनाव होना है। ऐसे में कांग्रेस ने छोटे-छोटे वर्गों को साधने का काम भी शुरू कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस सरकार का फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ ही प्रदेश के तीज त्योहारों को प्रोत्साहित करने पर भी है। इस माध्यम से कांग्रेस छत्तीसगढ़ी अस्मिता को अहम मुद्दा बनाने के प्रयासों में जुटी है। यही वजह है कि चुनावी साल में छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि योजना के जरिए अनुसूचित ही नहीं गैर अनुसूचित क्षेत्रों में भी छत्तीसगढ़ी तीज त्योहारों को महत्व देने की रणनीति बनाई गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों को दो किश्तों में हर साल दस हजार रुपए की राशि दी जाएगी।
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प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आने के बाद से ही छत्तीसगढ़ के तीज त्योहारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। सम्मान निधि योजना को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, योजना की शुरुआत के साथ ही इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है। बीजेपी ने योजना के जरिए कांग्रेस को घेरा।
एक वोटबैंक तैयार करने की कोशिश
चुनावी साल है तो अलग-अलग वर्ग के वोटर्स को साधकर एक वोटबैंक तैयार करने की कोशिश में कांग्रेस दिख रही है। इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ी अस्मिता के मुद्दे पर अब बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने भी नजर आ रही है। बहरहाल ये देखना होगा कि संस्कृति और परंपरा को सम्मान दिलाकर कांग्रेस को इसका चुनाव में कितना फायदा पहुंचता है।
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