रायपुर। आज का मुद्दा: 2023 विधानसभा चुनाव का शंखनाद कांग्रेस बस्तर से करने जा रही है। 13 अप्रैल को वो भरोसे का सम्मेलन को संबोधित कर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देगी और चुनावी शंखनाद करेगी। आखिर क्या मायने हैं प्रियंका के बस्तर आने के। कितना प्रभाव पड़ेगा बस्तर क्षेत्र में।
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चुनावी शंखनाद होने जा रहा है
बस्तर से छत्तीसगढ़ में चुनावी शंखनाद होने जा रहा है। प्रियंका गांधी 13 अप्रैल को बस्तर दौरे पर आ रहीं हैं। उनका दौरा विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हो रहा है, तो इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं। जाहिर है कि 2018 के चुनाव में बस्तर की 12 सीटों में से 11 सीटें कांग्रेस ने जीती थी, लेकिन उपचुनाव के बाद बस्तर संभाग की 12 की 12 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। अब 2023 में इन 12 सीटों पर अपने कब्जे को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, क्योंकि पिछले कुछ समय से कथित धर्मांतरण के मामले में जमकर बवाल मचा है। इसके अलावा आरक्षण विवाद के चलते आदिवासी नाराज चल रहे हैं। हालांकि प्रियंका के दौरे को लेकर कांग्रेस में उत्साह दिख रहा है।
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बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर
बस्तर संभाग की 12 सीटें ही नहीं बल्कि एक लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने कब्जा कर रहा है। हालांकि, उनके दौरे को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा प्रियंका गांधी के आने से कोई लाभ कांग्रेस को नहीं हो सकता। यूपी का चुनाव हमने देखा है।
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प्रियंका गांधी बस्तर दौरे पर आ रही हैं
इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी के बाद अब पहली बार प्रियंका गांधी बस्तर दौरे पर आ रही हैं। कांग्रेस नेता तो प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की छवि भी देखते हैं। इतना ही नहीं कहा तो ये भी जाता है कि सत्ता की चाबी बस्तर से ही निकलती है। बस्तर का ऊंट जिधर करवट लेगा सत्ता उसी राजनीतिक दल के इर्द-गिर्द मानी जाती है। खैर चुनावी साल में प्रियंका गांधी के दौरे से कांग्रेस को कितना फायदा और बीजेपी को कितना नुकसान होगा। ये तो आने वाला वक्त बताएगा।
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