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रायपुर। आज का मुद्दा : छत्तीसगढ़ में दलबदल का खेल शुरु हो गया है। आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है। चुनाव से पहले नंदकुमार का कांग्रेस में जाना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि, नंदकुमार के इस कदम के बाद अब बीजेपी के नेता उनपर जमकर सियासी तीर छोड़ रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ बीजेपी को बड़ा झटका
ठीक चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ बीजेपी को बड़ा झटका लगा। आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। राजीव भवन में सीएम भूपेश की मौजूदगी में नंदकुमार साय कांग्रेस में शामिल हुए। अब नंदकुमार का कांग्रेस में जाना छत्तीसगढ़ में दलबदल के खेल की शुरूआत मानी जा रही है, लेकिन कहा तो ये जा रहा है कि कांग्रेस ने 2018 का बदल 2023 में बीजेपी से लिया है। क्योंकि, 2018 के चुनाव के समय बीजेपी ने कांग्रेस के तत्कालीन कार्यकारी अध्यक्ष रामदयाल उइके को बीजेपी ज्वाइन करवा कर कांग्रेस को बड़ी चोट पहुंचाई थी। और अब कांग्रेस ने भी कुछ ऐसा ही किया।
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नंदकुमार साय की पहचान बड़े आदिवासी चेहरे के तौर पर
नंदकुमार साय की पहचान बड़े आदिवासी चेहरे के तौर पर होती है। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में आदिवासी अहम भूमिका निभाते हैं। जाहिर है छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें ST के आरक्षित है। वर्तमान में इन 29 सीटों में से 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि सिर्फ 2 सीटें ही बीजेपी के पास है। विधानसभा की 90 सीटों पर 30 फीसदी ST वोटर्स निर्णायक हैं। हालांकि, बीजेपी का नंदकुमार साय के फैसले पर क्या कहना है वो सुनिए..
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बेटी प्रियम्वदा पैंकरा ने भी कांग्रेस ज्वाइन की थी
करीब 20 साल पहले नंदकुमार साय की बेटी प्रियम्वदा पैंकरा ने भी कांग्रेस ज्वाइन की थी। और अब नंदकुमार साय कांग्रेस का दामन थामा चुके हैं। उनका कांग्रेस में जाने ऐसे वक्त हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 58 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर भर्ती के आदेश दे दिए हैं। यानी आदिवासियों के लुभाने की कोशिश कर रही बीजेपी के प्लान पर पानी फिरता दिख रहा है। वहीं कांग्रेस आदिवासियों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करती दिख रही है।
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