रायपुर। आज का मुद्दा: छत्तीसगढ़ में चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है सियासी दलों के भीतर हलचल तेज होती जा रही है। बीजेपी की मैराथन बैठकों के बीच सांसद सरोज पांडेय का बयान एक बार फिर सुर्खियों में है। सरोज के बयान ने कांग्रेस को जहां तंज कसने का मौका दे दिया है, वहीं बीजेपी के भीतर गुटबाजी की चिंगारी को हवा भी दे दी है। देखिए यह रिपोर्ट…
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एक बयान ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया
मिशन 2023 के लिए बीजेपी में बैठकों का दौर चल रहा है, लेकिन बीजेपी की बैठक में सांसद सरोज पांडेय के एक बयान ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। दरअसल, रविवार को हुई बैठक में सरोज पांडेय ने 2018 चुनाव को लेकर कहा कि 2018 चुनाव के नतीजों को कार्यकर्ताओं ने पहले ही भांप लिया था, लेकिन इसे नेताओं को समझने में समय लगा। सरोज पांडेय के इस बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी हैं। साथ ही कांग्रेस को तंज कसने का मौका भी दे दिया।
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कई नेताओं ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया भी दी
भले ही सरोज पांडेय के बयान ने बीजेपी के भीतरखाने गुटबाजी की चिंगारी को हवा दे दी हो, लेकिन उनके इस बयान पर बीजेपी ने कहा कि ये बीती बात हो गई है। इतना ही नहीं बीजेपी की तरफ से कई नेताओं ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया भी दी।
2018 के चुनाव नतीजों को लेकर बीजेपी के भीतरखाने मतभेद के सुर कई बार सुने जाते रहे हैं, लेकिन मिशन 2023 के पहले 2018 पर मंथन और बयानबाजी ने बीजेपी के बड़े नेताओं और रणनीतिकारों के कान भी खड़े कर दिए हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी गुटबाजी की इस चिंगारी को सुलगने से कैसे रोकती है, ताकि कांग्रेस इसका फायदा ना उठा पाए।
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