Aaj Ka Mudda: फिल्म का नाम – एमपी का चुनावी संग्राम
प्रोड्यूसर – बीजेपी-कांग्रेस
मुख्य कलाकार – शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ, वीडी शर्मा, दिग्विजय सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर, रणदीप सुरजेवाला, कैलाश विजयवर्गीय, डॉ गोविंद सिंह।
निर्देशक – मध्यप्रदेश की जनता
इस फिल्म में मध्यप्रदेश की सियासत के सारे बड़े चेहरे अपना-अपना किरदार निभा रहे हैं। भई फिल्म है तो फिल्मी अंदाज भी होगा और डायलॉग भी 12 मसाले की चाट जैसे होंगे। मध्यप्रदेश की चुनावी फिल्म में शोले का असर जमकर दिखाई दे रहा है।
रणदीप सुरजेवाला, प्रभारी महासचिव, कांग्रेस ने कहा, “शोले के जय वीरू हैं। बीजेपी को बहुत तकलीफ होती है क्योंकि बीजेपी गब्बर सिंह हैं। पर गब्बर सिंह कभी जय वीरू को डरा पाया? तो यहाँ भी ऐसा कुछ नहीं होने वाला।”
सियासी पिक्चर में कई ट्विस्ट
सुरजेवाला फिल्म में जय-वीरू को हीरो बताने उतरे तो शिवराज सिंह और उनकी टीम ने कांग्रेस के जय-वीरू को लुटेरा बताने में देर नहीं की। शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री ने बयान देते हुए कहा, “जय और वीरू झगड़ रहे हैं आपस में और ये लड़ रहे हैं लूट के माल के लिए। अब आगे कौन लूटे और कैसे लूटे, उसमें हिस्सेदारी कितनी हो, झगड़ा इनका केवल इस बात का है।”
फिल्म आगे बढ़ी तो जय-वीरू के बचाव में कांग्रेस ने मैदान संभाला और बीजेपी को गब्बर गैंग बता दिया, तो बीजेपी ने फिल्मी स्टाइल में कहा शुरुआत उनने की थी खत्म हम करेंगे।
कौन होगा फ्लॉप, कौन हिट?
रणदीप सुरजेवाला, प्रभारी महासचिव, कांग्रेस ने कहा, “ये गब्बर गैंग है और इस बीजेपी के गब्बर गैंग में काम्पिटिशन। कालिया कौन है, सांभा कौन है। अब और कहूँगा तो बुरा मान जाएंगे।”
रविशंकर प्रसाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “संभालने के लिए उनके प्रभारी ने जय वीरू की संघा दे दी। यह नहीं बताया जय कौन है और वीरू कौन है। राजनीति में जो खेल शुरू करता है, उसको बंद करने का अधिकार नहीं है। खेल आपने शुरू किया है, बंद तो हम करेंगे ना।”
बात यहां भी खत्म हो जाती तो गनीमत थी। फिल्म में महाराज की एंट्री हुई, उन्होंने किसी मझे हुए अभिनेता की तरह जय-वीरू की धुलाई शुरू कर दी।
किसकी बिकेगी सबसे ज्यादा ‘टिकट‘?
ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इस जोड़ी का एक ही लक्ष्य है, जब इनको कुर्सी दिख जाती है, आँखों में चमक आ जाती है। ए बाबू, ये पब्लिक है पब्लिक, और ये जो पब्लिक है, ये सब जानती है।”
देखा आपने कैसे फिल्मी हो रही है मध्यप्रदेश की सियासत। सिंधिया ने भले ही मजाकिया अंदाज में कहा हो कि ये पब्लिक है सब जानती है। लेकिन, ये खालिस सच है, तो बस इंतज़ार कीजिए जनता के फैसले का। वही तय करेगी किसकी अदाकारी उसे पसंद आई। फिलहाल आप फिल्मी हो रहे चुनाव का मज़ा लीजिए, थोड़ा इंतज़ार का मज़ा लीजिए।’
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