भोपाल। आज का मुद्दा : कांग्रेस ने अब ज्योतिरादित्य सिंधिया को टारगेट पर लेना शुरु कर दिया है। विधानसभा चुनाव से पहले सिंधिया को निशाने पर लेना कहीं ना कहीं कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष के ताजा बयान से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सिंधिया के बहाने बीजेपी को भी घेरने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस ये स्ट्रेटजी कितनी कामयाब होगी चर्चा आज इसी पर।
क्या कामयाब होगी स्ट्रेटजी ?
ज्योतिरादित्य सिंधिया। ये नाम कांग्रेस के लिए 2020 के बाद से उस दर्द की तरह है, जो रह रह कर उठता है। जाहिर है सिंधिया की वजह से ही कांग्रेस को सत्ता गंवाना पड़ी थी और शायद इसी अदावत के चलते कांग्रेस ने सिंधिया को टारगेट पर लेना शुरु कर दिया है। कांग्रेस एक तीर से दो निशाने लगाने की भी कोशिश कर रही है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने तंज करते हुए सिंधिया को सीएम बनाने की इच्छा जताई है, तो क्या गोविंद सिंह की कोशिश सिंधिया और बीजेपी के बीच द्वंद पैदा करने की है…?
सिंधिया ने भी पलटवार किया
अब गोविंद सिंह की ये मांग किसी रणनीति का हिस्सा है या कुछ और लेकिन जो भी हो टारगेट पर तो सिंधिया ही हैं। हालांकि, गोविंद सिंह के बयान पर सिंधिया ने भी पलटवार किया और खुद को जनता का सेवक बताया।
बीजेपी की रीति और नीति कांग्रेस से बिल्कुल अलग
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2023 के चुनाव में कांग्रेस के निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया तो रहेंगे ही। साथ ही कांग्रेस सिंधिया के बहाने बीजेपी को भी घेरेगी। उसकी कोशिश सिंधिया और बीजेपी के बीच किसी भी तरह से टकराव की स्थिति पैदा करने की हो सकती है, ताकि विधानसभा चुनाव में उसे इसका सीधा फायदा मिले। हालांकि, बीजेपी की रीति और नीति कांग्रेस से बिल्कुल अलग है। बीजेपी अपने कड़े अनुशासन के लिए जानी जाती है। ऐसे में कांग्रेस का पैंतरा कितना चल पाएगा। इसपर भी सबकी नजर हैं।