रायपुर। आज का मुद्दा: 2014 में अंतागढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे मंतुराम पवार नाम वापस लेकर पूरे देश में चर्चित रहे थे और अब उनके एक बयान के बाद वो फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मंतूराम ने 2014 में चुनाव के ठीक पहले नाम वापसी का खुलासा किया है और तत्कालीन एसपी के ऊपर आरोप भी लगाया है।
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एक बार फिर मंतूराम चर्चा में
अपने इस बयान को लेकर एक बार फिर मंतूराम चर्चा में हैं। 2023 चुनाव में मंतूराम पवार ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। 2014 उपचुनाव में मंतूराम ने नाम वापस ले लिया था, जिसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा हलचल हुआ था। पूरा मामला जब हुआ तब उस वक्त केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार थी। इस दौरान एसपी से मिली धमकी के बाद डर की वजह से उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था। हालांकि, मंतुराम पवार पर उपचुनाव में नाम वापस लेने के एवज में पैसे लेने के आरोप भी लगे। वहीं उनके बयान पर कांग्रेस का क्या कहना वो सुनिए।
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2013 में अंतागढ़ विधानसभा सीट में बीजेपी के विक्रम उसेंडी ने जीत दर्ज की थी, लेकिन इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में उसेंडी सांसद चुने गए और ये सीट खाली हुई और पूरा ड्रामा शुरू हुआ। वहीं लगातार बदल रहे बयान पर बीजेपी ने सवाल खड़े किया है और पूछा है कि क्या इनपर किसी सरकार का दबाव था।
प्रदेश की सियासत जरूर गरमा गई
छत्तीसगढ़ की सियासत में फिर मंतूराम पवार सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले और करीब 9 साल बाद इसका खुलासा करने का फायदा क्या है। खैर जो भी हो, लेकिन इतना जरुर है कि चुनाव से पहले प्रदेश की सियासत जरूर गरमा गई है।
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