रायपुर। 2023 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लेकिन चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में कुछ कांग्रेस विधायक चर्चा में आ गए हैं। उनके व्यवहार को लेकर तरह तरह के सवाल उठ रहे हैं। हाल में कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने बैंक कर्मचारी के साथ मारपीट कर दी तो कुछ दिन पहले कांग्रेस विधायक शकुंतला साहू का तहसीलदार से विवाद सामने आ चुका है। ऐसे में अब इस पर सियासत भी शुरू हो गई है।
माननीयों का ऐसा बर्ताव कोई नई बात नहीं
कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह का एक बयान बैंककर्मी को थप्पड़ मारने के बाद आया, लेकिन कर्मचारियों के साथ माननीयों का ऐसा बर्ताव कोई नई बात नहीं है। एक दिन पहले ही कसडोल विधायक शकुंतला साहू की तहसीलदार से बहस हो गई थी, जिसके बाद दो घंटे में ही तहसीलदार का ट्रांसफर हो गया। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि, माननीयों का कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ ऐसा व्यवहार कहां तक उचित है। क्या कर्माचरियों की नाराजगी कांग्रेस को आने वाले चुनाव में भरी नहीं पड़ेगी। खैर जो भी हो, लेकिन मंत्री शिव डहरिया ने बृहस्पत सिंह का बचाव किया।
सियासत भी तेज हो गई है
चूंकि मामला कांग्रेस नेताओं और कर्मचारियों से जुड़ा है। ऐसे में अब इसपर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व सीएम रमन सिंह ने इस घटनाओं के जरिए कांग्रेस को घेरा। उन्होंने आरोप लगाए कि कांग्रेस कार्यकर्ता, विधायक, मंत्री आतंक फैला रहे हैं और कानून हाथ में ले रहे हैं।
मसले को भुनाने की पूरी कोशिश
कुलमिलाकर बीजेपी इस मसले को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है, तो वहीं कर्मचारियों में घटना के बाद से नाराजगी है। जाहिर है कि इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है ऐसे में कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटना आने वाले चुनाव में मुद्दा बन सकती है।