भोपाल। आज का मुद्दा : एमपी की सियासत में एक बार फिर भगवान राम का जिक्र हुआ है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कमलनाथ को राम बताया। जाहिर है 2023 के चुनाव में कांग्रेस कमलनाथ के भरोसे है, लेकिन कमलनाथ को राम कहकर कांग्रेस ने सेल्फ गोल तो नहीं कर लिया या फिर कांग्रेस की कुछ और ही रणनीति है। ये रिपोर्ट देखिए..
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कांग्रेस को कमलनाथ में भागवन राम दिख रहे
भगवान राम राजनीति का प्रिय विषय है और चुनावी साल में तो राम का नाम राजनेताओं के जुबान पर आ ही जाता है फिर चाहे किसी भी रूप में हो। इस साल मध्यप्रदेश में भी चुनाव होने हैं, तो कांग्रेस को कमलनाथ में भागवन राम दिख रहे हैं। जाहिर है चुनाव का भार कमलनाथ के कंधों पर ही है। कांग्रेस को भरोसा है कि राम बनकर चुनाव की लंका विजय करेंगे। हालांकि, कांग्रेस भगवान राम की चर्चा तो कर रही है, लेकिन बीजेपी से इस लड़ाई को रानीतिक बता रही है।
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पीसीसी चीफ कमलनाथ को कभी हनुमान भक्त तो कभी राम बताकर कांग्रेस हिंदुत्व के मुद्दे को लीड लेना चाह रही है, लेकिन कमलनाथ को राम बताने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर सीधा हमला बोला।
भगवान राम बीजेपी के लिए कितने अहम हैं ये तो किसी से छिपा नहीं है, लेकिन जानकारों की मानें तो कांग्रेस के बयान से साफ है कि वो राम के सहारे सरकार बनाने की संभावनाओं को तलाश रही है। पार्टी एक नई तैयारी की ओर आगे बढ़ती दिख रही है। भले ये पार्टी के अंदर कही बात हो, लेकिन कमलनाथ को राम बताने के पीछे गहरा अर्थ छिपा हो सकता है।
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