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रायपुर। आज का मुद्दा : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में आरक्षण पर श्रेय लेने की होड़ मच गई है। बीजेपी और कांग्रेस फिर आमने-सामने आ गईं हैं। बीजेपी का दावा है कि उनके शासनकाल में ही 58 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू हुई थी तो कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की लापरवाही की वजह से आरक्षण रुका था।
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आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में श्रेय लेने की सियासत शुरू हो गई है। एक तरफ सीएम भूपेश बघेल ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग लेकर अधिकारियों को जल्द ही अटके हुए रिजल्ट जारी करने को कहा। वहीं विपक्ष ने आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन बीजेपी इसे रमन सिंह के नेतृत्व वाली पुरानी बीजेपी सरकार की जीत बता रही है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगाई है।
कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं
एक तरफ बीजेपी आरक्षण पर श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, तो कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी की लापरवाही की वजह से आरक्षण रुका रहा वो तो कांग्रेस की कोशिश थी, जिस वजह से सुप्रीम कोर्ट ने रोक हटाई। इतन ही नहीं सीएम भूपेश बघेल तो कह रहे हैं कि मिशन मोड में सरकारी भर्तियां होंगी।
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कांग्रेस सरकार 76 प्रतिशत आरक्षण देने के पक्ष में है, जिससे जुड़ा आरक्षण विधेयक फिलहाल राजभवन में अटका हुआ है। इस विधेयक में सरकार EWS को 4 फीसदी, SC को 13 प्रतिशत, तो OBC को 27 फीसदी, जबकि ST को 32 प्रतिशत आरक्षण देना चाह रही है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 58 फीसदी आरक्षण ही मिलेगा, जिसमें SC को 12 प्रतिशत, OBC को 14 फीसदी और ST को 32 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा और इसी आधार पर भर्तियां भी होंगी।
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