सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी आज ही के दिन 7 अक्टूबर 1708 को शहीद हुए थे. उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी. 9 साल की उम्र में उन्होंने गुरु की गद्दी संभाली थी. मुगल सेना को चिड़िया और सिखों को बाज बताया था.गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना के दौरान सिखों के लिए 5 ककार यानि पांच धार्मिक चिन्ह) केश, कड़ा, कच्छा, कृपाण और कंघा अनिवार्य किए थे. ये 5 ककार सिख धर्म के अनुयायियों के धार्मिक अनुशासन और पहचान का प्रतीक हैं. गुरु गोबिंद सिंह ने कहा धरम दी किरत करनी यानि अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं. किसी का अहित ना करें. अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान में दे दें और गुरुबानी को कंठस्थ कर लें।
1737: बंगाल में 20 हजार छोटे जहाज के समुद्र में 40 फुट नीचे डूबने से तीन लाख लोगों की मौत
1919: गांधीजी की ‘नवजीवन’ पत्रिका प्रकाशित हुई थी।
1950: मदर टेरेसा ने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ़ चैरिटी की स्थापना की थी।
1978: पूर्व भारतीय क्रिकेटर जहीर खान का जन्मदिन हुआ था।
1708 : आज ही के दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह शहीद हुए थे.
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