Mangala Gauri Vrat 2023: आज सावन माह का आठवां मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा। इस दिन माता पार्वती का पूजन किया जाता है, जिसके कारण इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहते हैं। इसे मोराकत व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
मां पार्वती का किया जाता है पूजन
शास्त्रों के मुताबिक मंगला गौरी व्रत पार्वती जी को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मनोकानाएं होती हैं पूरी
मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत के प्रभाव से विवाह संबंध में आ रही विघ्नवाधाएं दूर हो जाती है और मनचाहे जीवन-साथी की प्राप्ति होती हैं। साथ ही दांपत्य जीवन सुखी रहता है। वहीं इस व्रत के प्रभाव से पुत्र की प्राप्ति होती और गृहक्लेश भी खत्म होता है। साथ ही सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
पूजा विधि
इस दिन नित्य कर्मों से निवृत्त होकर संकल्प करना चाहिए कि मैं संतान, सौभाग्य और सुख की प्राप्ति के लिए मां पार्वती का व्रत कर रही हूं। साथ ही आचमन और मार्जन कर चैकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माता की प्रतिमा व चित्र के सामने उत्तराभिमुख बैठकर पूजा की जाती है और मंगला गौरी की कथा सुनते है।
सावन माह के सभी मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने का विधान है। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव और माता पार्वती को श्रावण का महीना अति प्रिय है, इसीलिए श्रावण मास के सोमवार को शिव जी और मंगलवार को माता पार्वती का पूजन करना शुभ व मंगलकारी बताया गया है।
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