'एक्स’ किरणों को न तो देखा जा सकता है, न महसूस किया जा सकता है। हालांकि, ये किरणें स्किन, हड्डियों तथा धातु को सहजता से पार कर जाती हैं और उनके ऐसे चित्र भी बना देती हैं... जिन्हें आंखों से देख पाना असम्भव होता है। ‘एक्स’ किरणों का प्रयोग आज टूटी हुई हड्डियों की तस्वीर लेने में, रेडिएशन थैरेपी में तथा हवाई अड्डों की सुरक्षा आदि में किया जा रहा है। इनकी खोज जर्मनी के भौतिकशास्त्री विल्हेल्म कोनराड रॉन्टजन ने सन् 1895 में 50 वर्ष की उम्र में की थी। 18वीं सदी के होने तक वैज्ञानिकों को इन किरणों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इसलिए इनका नाम ‘एक्स रे’ किया गया... जिसका मतलब होता है ‘अज्ञात किरणें’। रॉन्टजन के नाम इन किरणों को ‘रॉन्टजन रेज’ भी कहा जाता है।
1929 - BJP के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी का जन्म हुआ था।
1945 - हांगकांग में नौका दुर्घटना में 1550 लोगों की मौत हुई थी।
1988 - चीन में विनाशकारी भूकंप से 900 लोगों की मौत हुई।
1895- भौतिक शास्त्री विल्हेम कोनार्ड रॉन्टजन ने एक्स-रे की खोज की थी।
1967- अमेरिका ने नेवादा में परमाणु परीक्षण किया किया था।
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