Tirupati Non-Hindu Employee: तिरुमाला तिरुपति में लड्डू की शुद्धता को लेकर विवाद हुआ था. लेकिन अब तिरुमाला तिरुपति बोर्ड की तरफ से लिए गए निर्णय पर चर्चा तेज हो गई है. हाल ही में तिरुमाला तिरुपति बोर्ड से गैर हिन्दू कर्मचारियों की छुट्टी हो सकती है.
बता दें तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष बी नायडू की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया. पूर्व की जगनमोहन रेड्डी की सरकार में तिरुपति तिरुमाला में गैर हिन्दू कर्मचारी भी नौकरी करते थे.
जिस पर भी काफी बवाल मचा था. इसके साथ ही बोर्ड अब कई राज्यों के पर्यटन निगम द्वारा भक्तों के दर्शन के कोटे को खत्म कर सकता है. बोर्ड ने ये फैसला भी लिया कि तिरुमाला तिरुपति बोर्ड सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्राइवेट बैंकों में जमा सोना-चांदी और नकदी को निकाल कर राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा किया जाएगा.
विशाखा शारदा पीठ पर आरोप
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने विशाखा शारदा पीठ पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है. इसके साथ ही तिरुमाला में बने मंदिर परिसर में मठ के लीज को रद्द करने की बात कही गई है.
बोर्ड ने मंदिर में काम कर रहे गैर हिन्दुओं के बारे में फैसला लेने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखने का फैसला किया है. इससे पहले, जगन ,मोहन रेड्डी सरकार ने हिन्दुओं के इस पवित्र स्थल पर गैर हिन्दुओं को भी नौकरी पर रखने का फैसला किया था, जिस पर जबरदस्त बवाल हुआ था.
किसी भी तरह की बयानबाजी पर रोक
जानकारी के मुताबिक मंदिर मंदिर बोर्ड ने निर्णय लिया है कि अब किसी भी मंदिर से जुड़े विषय पर राजनीतिक बयानबाजी नहीं की जाएगी। यदि कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही, बालाजी मंदिर में आने वाले सभी नेताओं, मंत्रियों, अधिकारियों और भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे मंदिर परिसर में किसी भी तरह का राजनीतिक बयान न दें.
कितने हैं गैर हिन्दू कर्मचारी
टीटीडी के नए अध्यक्ष बीआर नायडू ने पुष्टि की है कि मंदिर बोर्ड में काम करने वाले गैर-हिंदू कर्मचारियों की संख्या कम हो सकती है, लेकिन उन्होंने सटीक संख्या बताने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार, इस फैसले से लगभग 300 कर्मचारी प्रभावित होंगे, जो कि 7,000 स्थायी कर्मचारियों में से हैं। इसके अलावा, 14,000 संविदा कर्मचारी भी टीटीडी में काम करते हैं.