तिरूपति । सनातन धर्म में मंदिरों का प्राचीन इतिहास रहा है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के अलग-अलग हिस्से में भव्य मंदिर स्थापित है।
ये मंदिर भारत में सनातन धर्म और इससे जुड़े मंदिरों के इतिहास है। खासकर दक्षिण भारत में एक विशाल संख्या में प्राचीन मंदिर है, जो अद्भुत है।
हमारी सोच से भी परे हैं ये भव्य मंदिर
इन मंदिरों की स्थापत्य कला देखने लायक है। प्राचीन समय में भी इस तरह के भव्य मंदिरों का निर्माण हमारी सोच से भी परे है।
इन्ही मंदिरों में एक बड़ा नाम आंध्र प्रदेश के तिरूपति (Tirupati) मंदिर का आता है। इस मंदिर का भारत के साथ-साथ पूरे विश्व में लोकप्रियता है।
देश में तिरूपति के 59 मंदिर बनाये गये हैं
तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) का लक्ष्य देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तिरूपति मंदिर का निर्माण करना है।
वर्तमान समय में देश के विभिन्न भागों में तिरूपति के 59 मंदिर बनाये गये हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर में बना तिरूपति बालाजी मंदिर भक्तों के लिए खोला गया।
जम्मू में बना यह मंदिर आंध्र प्रदेश के बाहर बना छठा बालाजी मंदिर है। इस बीच, नवी मुंबई, गुजरात और छत्तीसगढ़ में मंदिरों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।
1933 में हुई थी टीटीडी की स्थापना
टीटीडी के नेतृत्व में तीन मंदिरों के निर्माण पर विचार चल रहा है। गुजरात के गांधीनगर, छत्तीसगढ़ के रायपुर और बिहार में बालाजी का मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, बिहार में मंदिर कहां बनेगा, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम की स्थापना 1933 में हुई थी। उस समय केवल तीन मंदिरों का प्रशासन इस ट्रस्ट के अधीन था।
फिलहाल करीब 58 मंदिरों का प्रबंधन संभाल रहा है। इनमें से अधिकतर मंदिर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में स्थित हैं।
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