MP Tourism Place: अगर आपको भी प्रदेश के बाघों का दीदार करना है तो आपके पास मात्र दो दिन बचे हैं। मध्य प्रदेश के नेशनल टाइगर रिजर्व 1 जुलाई से तीन महीने के लिए बंद होने वाले हैं।
साल भर तक देश-विदेश के पर्यटकों को खुश करने वाले प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में 30 जून सैर-सपाटा का अंतिम दिन होगा। बरसात सीजन की वजह से नेशनल पार्क तीन महीने के लिए बंद किये जाते हैं।
जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि 1 अक्टूबर से यानि की विन्टर सीजन से पर्यटकों के लिए वापस से टाइगर रिजर्व का ताला खोल दिया जाएगा।
ये टाइगर रिजर्व रहेंगे बंद
कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve)
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve)
पन्ना टाइगर रिजर्व (Panna Tiger Reserve)
पेंच टाइगर रिजर्व (Pench Tiger Reserve)
संजय दुबरी टाइगर रिजर्व (Sanjay Dubri Tiger Reserve)
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve)
इसलिए बंद रहेंगे टाइगर रिजर्व
MP में नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व मानसून की वजह से बंद रहेंगे. बारिश के सीजन के चलते पूरे 90 दिन रिजर्व में पर्यटकों को एंट्री नहीं दी जाएगी.
1 अक्टूबर से ही दोबारा गेट खोले जाएंगे. अगर आपका घूमने का प्लान है, तो 30 जून से पहले ही यहां की सैर कर आएं. बता दें MP में 12 नेशनल पार्क और 6 टाइगर रिजर्व हैं.
प्रदेश में हैं 700 से अधिक बाघ
बता दें कि मध्य प्रदेश में आधा दर्जन टाइगर रिजर्व हैं, जिनमें बांधवगढ़, कान्हा, पन्ना, पेंच, संजय और सतपुड़ा शामिल हैं. बांधवगढ़ में 31 बाघों की क्षमता है, जबकि बांधवगढ़ में वर्तमान में 220 बाघ हैं.
इसी तरह कान्हा में 41 की क्षमता लेकिन 200 के करीब बाघ हैं. पन्ना में 32 की क्षमता लेकिन 83 बाघ हैं ,वहीं पेंच में 24 की क्षमता हैं लेकिन बाघों की संख्या 129 हैं, संजय में 34 की क्षमता में 35 बाघ हैं.
इसी तरह सतपुड़ा में 43 बाघों की क्षमता है, जबकि यहां 90 बाघ हैं. कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में 205 बाघ की क्षमता है, जबकि यहां 700 से अधिक बाघ हैं.