भारत का इतिहास (History of India) दिलचस्प और रहस्यमयी रहा है। भारत का अंग्रेजों का शासन, इसके बाद भारत-पाकिस्तान का विभाजन होना, भारत को गुलामी से आजादी मिलना ऐसी बहुत सी अहम बातें भारत के इतिहास (History of India) को दिलचस्प बनाती हैं। भारत में इतिहास (History of India) की रोचक बातों के बीच यह भी सच है कि देश का दिल कहे जाने वाले दिल वालों की दिल्ली हमेशा भारत की राजधानी नहीं रही। मध्यकाल के दौरान कन्नौज भारत की राजधानी हुआ करती थी। वही प्राचीनकाल में हर राज्य की अपनी राजधानी होती है हालांकि आज के समय में भी हर राज्य की राजधानी है। लेकिन भारत का एक ऐसा शहर रहा है जिसे एक दिन के लिए भारत की राजधानी (History of India) बनाया गया था।
इलाहाबाद उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित काफ़ी बड़ा शहर है। जो पूरी दुनिया में कुंभ मेले के लिए काफ़ी लोकप्रिय है। इलाहबाद को अब प्रयागराज के नाम से जाना जाता है। प्रयागराज की संस्कृति और धरोहर का उल्लेख आपको हर जगह देखने को मिल जायेगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रयागराज एक दिन के लिए 1858 में भारत की राजधानी (History of India) भी रह चुका है। क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने शहर में ब्रिटिश राजशाही को राष्ट्र का प्रशासन सौंप दिया था। उसी दौरान प्रयागराज उत्तर प्रदेश की राजधानी (History of India) भी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्रयागराज को शिक्षा का केंद्र और न्याय करने का शहर भी बना दिया था। प्रयागराज विश्वविद्यालय और हाई कोर्ट की स्थापना भी उसी दौरान हुई थी।
प्रयागराज ऐतिहासिक शहरों में से एक है। जिसका विख्यात पूरे विश्वभर में होता है। प्रयागराज की स्थापना 1853 में मुगल बादशाह अकबर ने की थी। इस शहर के नाम का मतलब अल्लाह का शहर था। धार्मिक तौर पर हिन्दुओं के लिए प्रयागराज काफ़ी पवित्र माना जाता है। साथ ही इस शहर को बादशाह जहांगीर ने 1599-1604 तक के लिए अपना मुख्यालय बना लिया था। भारत का इतिहास (History of India) बनाने वाले राजनेता जैसे मोतीलाल नेहरू और जवाहरलाल नेहरू का गृहनगर भी प्रयागराज ही रह चुका है।