नई दिल्ली। पिछले साल दूसरी लहर Third Wave Peek In Jyotish के दौरान कोरोना Third Wave In Jyotish 2022 ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचाया था। हजारों लोगों द्वारा अपनों को खोने का गम आज भी उनके जहन में है, और ताउम्र रहेगा। इसके बाद एक बार फिर ये खतरनाक वायरस पैर पसारने लगा है। तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है।
फिर ऐसी स्थिति में इसकी पीक लेकर हर किसी के मन में एक भय बना हुआ है। एक तरफ बड़े—बड़े वैज्ञानिक इस पर रिसर्च कर रहे हैं तो इसमें हमारे ज्योतिषी भी अपना गुणा—भाग लगाने में लगे हैं। आईआईटी मद्रास ने हाल ही में दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर 8 फरवरी तक पीक पर होगी। तो वहीं ज्योतिषियों का गणित भी इससे मेल खाता नजर आ रहा है।
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय ने वैदिक पद्धति के आधार पर भारत की जो कुंडली बनाई है उसके अनुसार 30 जनवरी से 10 फरवरी के बीच में कोरोना की तीसरी लहर पीक पर होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत की कुंडली में पूर्ण कालसर्प बन चुका है। इतना ही नहीं इसमें कुछ ऐसी विषणोत्तरी दशाएं भी बन रही हैं। जो इस विकट परिस्थिति की परेशानी को और अधिक बढ़ा सकती हैं। उनके अनुसार पिछले वर्ष दूसरी लहर के दौरान भी कुछ इसी तरह की स्थिति बनी थीं।
इस दिन से शुरू हो सकती है तीसरी लहर की दस्तक —
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार कालसर्प योग के आधार पर देखें तो कोरोनावायरस की तीसरी लहर की पीक का प्रारंभ 1 जनवरी 2022 से हो सकता है। उनके अनुसार फरवरी अंत में कोरोना के केसेस में गिरावट आने लगेगी। जहां अभी प्रतिदिन देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 लाख से उपर है तो वहीं 30 मार्च तक काफी उतार के बाद इसकी 25 से 30 हजार होने की संभावना है।
कालसर्प योग के कारण है कोरोना का असर
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार उन्होंनं भारतीय ज्योतिष के नियमों के आधार पर भारत की कुंडली तैयार की है। जो कन्या लग्न की है। भारतवर्ष की कुंडली में कालसर्प योग है। जब—जब यह कालसर्प योग आता है। भारत में कई तरह की भयानक घटनाएं घटती हैं। कोरोनावायरस का कालसर्प योग से विशेष संबंध है। साल 2020 की ही बात करें तो इस साल की शुरुआत में 7 जनवरी से कालसर्प योग शुरू हो गया था। जो कि 17 जुलाई तक रहा। इसी साल 30 जनवरी को भारत में कोरोनावायरस का पहला संक्रमित मिला था। इसी तरह साल 2021 की बात करें तो इस साल 9 जनवरी से 13 अप्रैल तक कालसर्प योग था। इस साल 11 फरवरी को पूरे भारत में 9309 कोरोना संक्रमित आ चुके थे।
मंगल की दशा भी करती है असर —
ज्योतिषाचाय की मानें तो कोरोनावायरस की पहली लहर मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा शनि के प्रत्यंतर दशा से शुरू हुई थी। इस दौरान ही 16 जनवरी को अधिकतम केस 97 हजार 894 हो गए थे।
इस साल यह मंगल की महादशा 10 फरवरी से शुरू हो रही है। आपको बता दें इस कुंडली में केतु ग्रह वायरस जनित रोगों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल इस कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी है। अष्टम भाव मृत्यु के बारे में विचार करता है। इस कुंडली में मंगल दशम भाव में बैठा है जो राज्य का भाव है। यह बताता है कि उस समय राज्य किसी कारण बस 18 फरवरी तक ध्यान नहीं दे पाएगा और इस बीच में कोरोना के प्रकरण बढ़ेंगे जिस पर शासन द्वारा 15 मार्च 2022 के बाद काबू पा लिया जाना चाहिए।
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कब समाप्त होगी तीसरी लहर —
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो मंगल की ये महादशा मंगल की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा में सूर्य का प्रत्यंतर 8 सितंबर 2023 में आएगा और इस समय कोरोनावायरस भारतवर्ष में या तो नाम मात्र का ही बचेगा या समाप्त हो जाएगा।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।