भोपाल। एक तो कोरोना Third Wave In Jyotish 2022 ने हाहाकार मचाया। उसके बाद ओमीक्रोन की भारत में दस्तक से दुनिया की टेंशन बढ़ गई है। फिर चाहे स्वास्थ्य विभाग की बात करें या ज्योतिष की नजर की, हर कोई तीसरी लहर का आंकलन करने में लगा है। आइए हम भी आज जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कोरोना की तीसरी लहर कब दस्तक देगी। पहली और दूसरी लहर से ही निपट नहीं पाए कि तीसरी लहर की दहशत लोगों को डरा रही है। इसे लेकर चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विद्वान सतर्क रहने की सला दे रहे हैं। इसकी रोकथाम को लेकर युद्ध स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार कालसर्प योग के आधार पर देखें तो कोरोनावायरस की तीसरी लहर का प्रारंभ 5 जनवरी 2022 से है। परंतु इसमें तेजी 5 फरवरी 2022 के बाद आएगी। भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार 10 फरवरी 22 से तीसरी वेब के आने की संभावना है। प्रश्न कुंडली के अनुसार भी इसी अवधि में तीसरी लहर की आने की आशंका है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि जनवरी 2022 के महीने कोरोनावायरस की तीसरी लहर आने की संभावना है। जिसका असर फरवरी, मार्च एवं अप्रैल 2022 में रहेगा। उस समय राज्य शासन के ग्रहों के प्रबल होने के कारण तथा तैयारियां प्रचुर मात्रा में होने की वजह से यह बहुत ज्यादा असर नहीं दिखा पाएगी। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस वर्ष 29 जून 2021 से लोगों के अंदर से कोरोना वायरस का डर समाप्त होने लगेगा। एक्टिव मरीजों की संख्या में कमी प्रारंभ होगी। टीकाकरण का अभियान तेजी से चलेगा। 28 सितंबर 2021 के उपरांत कोरोना वायरस का डर लोगों के बीच से बिल्कुल समाप्त हो जाएगा।
कालसर्प योग के कारण है कोरोना का असर
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार उनके द्वारा भारतीय ज्योतिष के नियमों के आधार पर तैयार की गई भारत की कुंडली कन्या लग्न की है। भारतवर्ष की कुंडली में कालसर्प योग है। जब—जब यह कालसर्प योग आता है। भारत में कई तरह की भयानक घटनाएं घटित होती हैं। कोरोनावायरस का कालसर्प योग से विशेष संबंध है। 7 जनवरी 2020 से कालसर्प योग प्रारंभ हुआ था। जो कि 17 जुलाई 2020 तक रहा। 30 जनवरी को भारतवर्ष में कोरोनावायरस का पहला रोगी मिला था। इसी प्रकार 9 जनवरी 2021 से 13 अप्रैल 2021 तक कालसर्प योग था। 11 फरवरी को 9309 कोरोनावायरस के केस पूरे भारतवर्ष में आए थे।
इसके उपरांत कोरोनावायरस के नए केस तेजी से बढ़ने लगे थे। यानि कालसर्प योग प्रारंभ होने के 1 महीने के बाद से दूसरी लहर आना प्रारंभ हो गई थी। इसी प्रकार पिछली बार भी कालसर्प योग प्रारंभ होने के 20 दिन बाद कोरोनावायरस के प्रकरण आना प्रारंभ हुए थे। अगर इस गणित को हम माने तो अगली बार 5 जनवरी 2022 से कोरोनावायरस की तीसरी लहर संभवत: प्रारंभ होगी। इसके 1 माह पश्चात अर्थात 5 फरवरी 2022 के बाद इसमें तेजी आना प्रारंभ होगा।
क्या कहती है मंगल की दशा
भारतवर्ष की कुंडली के अनुसार तीसरी लहर के बारे में विचार करें तो कोरोनावायरस की पहली लहर मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा शनि के प्रत्यंतर दशा से प्रारंभ हुई। अधिकतम 97894 प्रकरण 16 सितंबर 2020 को आए थे। उस समय मंगल की महादशा में शनि की अंतर्दशा में चंद्रमा के प्रत्यंतर में बुद्ध की सूक्ष्मदशा प्रारंभ हुई थी। इस कुंडली के अनुसार मंगल की महादशा में केतु के अंतर में केतु का प्रत्यंतर 10 फरवरी 2022 से प्रारंभ हो रहा है। कुंडली में केतु ग्रह वायरस जनित रोगों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल इस कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी है। अष्टम भाव मृत्यु के बारे में विचार करता है। इस कुंडली में मंगल दशम भाव में बैठा है जो राज्य का भाव है। यह बताता है कि उस समय राज्य किसी कारण बस 18 फरवरी तक ध्यान नहीं दे पाएगा और इस बीच में कोरोना के प्रकरण बढ़ेंगे जिस पर शासन द्वारा 15 मार्च 2022 के बाद काबू पा लिया जाना चाहिए परंतु कालसर्प योग उस समय 13 अप्रैल 2022 से 25 अप्रैल 2022 तक है।
25 अप्रैल 2022 तक तीसरी लहर समाप्त नहीं हो पाएगी। इस कुंडली में मंगल की महादशा में केतु की अंतर्दशा में गुरु का प्रत्यंतर 5 मई से प्रारंभ होगा। इस समय कोरोनावायरस पर काफी हद तक कंट्रोल हो जाएगा ,परंतु कोरोनावायरस समाप्त नहीं होगा। मंगल की महादशा में सूर्य की अंतर्दशा में सूर्य का प्रत्यंतर 8 सितंबर 2023 में आएगा और इस समय कोरोनावायरस भारतवर्ष में या तो नाम मात्र का ही बचेगा या समाप्त हो जाएगा।
पहले भी मंगल की दशा पड़ी थी भारी –
कोरोनावायरस की तीसरी लहर आएगी। इस प्रश्न कुंडली में कुंडली सिंह लग्न की है। केतु इसके चौथे भाव में हैं। शनि छठे भाव में हैं। गुरु सातवें भाव में हैं। चंद्रमा आठवें भाव में है। सूर्य नवम भाव में हैं। दशम भाव में बुध और शुक्र हैं और एकादश भाव में मंगल हैं। इस कुंडली में वर्तमान में बुध में शनि की प्रत्यंतर दशा चल रही है जो कि 30 मार्च 2021 से प्रारंभ हो रही है। शनि इसमें छठे भाव का स्वामी है। अतः यह एक प्रबल मारकेश है। हम यह देख भी रहे हैं, कि 30 मार्च से कोरोनावायरस के नए प्रकरणों में बड़ी तेजी आई है और एक्टिव मरीजों की संख्या मैं बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। इस कुंडली के अनुसार बुद्ध की प्रत्यंतर दशा 1 सितंबर 2021 से प्रारंभ होगी। अतः 1 सितंबर 2021 के बाद कोरोनावायरस के दूसरी लहर के प्रकरणों में काफी कमी आना प्रारंभ हो जाएगा। इस कुंडली के अनुसार 18 जनवरी 2022 से बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा में केतु का प्रत्यंतर प्रारंभ होगा। जो कि तीसरी लहर आने का संकेत है। अतः हम कह सकते हैं कि इस समय से तीसरी लहर की आने की संभावना है। इस समय प्रश्न कुंडली के गोचर की छठे भाव में सूर्य, बुध और शनि हैं। अतः यह समय परेशानी वाला होगा। मंगल उच्च का होकर 26 फरवरी 2022 से छठे भाव में आएगा। इस समय के बाद तीसरी लहर का प्रभाव कम होना प्रारंभ हो जाएगा।