Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ में पहले विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव 2024 में मिली करारी हार के बाद जल्द ही कांग्रेस प्रदेश (Chhattisgarh Congress) में बड़ा बदलाव कर सकती है। कांग्रेस बड़े पैमाने पर जिला अध्यक्षों को बदलने पर विचार विमर्श कर रही है।
साथ ही पदाधिकारियों (Chhattisgarh Congress) पर भी गाज गिरने की पूरी उम्मीद है, गाज खासकर उक पदाधिकारियों पर गिरेगी जो पूरी तरह से सक्रिय नहीं हैं। बदलाव से पहले अहम बैठक भी होने की पूरी संभावना है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा में मिली हार से उभरने के नए-नए रास्ते तलाश कर रही है।
इस क्रम में पार्टी में बड़े बदलाव भी होने जा रहे हैं। पहले तो ऐसे जिला अध्यक्षों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है जो पार्टी के कार्य में पूरी तरह से सक्रिय नहीं हैं। साथ ही मुख्य पदों पर नए चेहरों पर दांव लगाने की भी पूरी कोशिश कांग्रेस कर रही है।
सचिन पायलट की हरी झंडी!
कांग्रेस पार्टी इस समय गुटीय अंतर्कलह का सामना कर रही है। साथ ही उनके कई सीनियर पदाधिकारी सक्रिय नहीं हैं। वहीं, प्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव होने हैं, जिससे पहले पीसीसी चीफ दीपक बैज बड़े और कड़े फैसले लेने का मन बना रहे हैं।
वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि इसे लेकर वह कांग्रेस (Chhattisgarh Congress) के वरिष्ठ नेता और प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट से भी चर्चा कर चुके हैं। उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही प्रदेश में नए सिरे से पीसीसी के पुनर्गठन की एक्सरसाइज भी शुरू होने जा रही है।
9-10 को हो सकती है कांग्रेस की बैठक
छत्तीसगढ़ में 9 और 10 जुलाई को कांग्रेस की बड़ी बैठके होने की उम्मीद है। पहले दिन (9 जुलाई) वरिष्ठ नेताओं और जिला अध्यक्षों की बैठक आयोजित होगी। जबकि दस जुलाई को रायपुर दक्षिण उपचुनाव को लेकर राजीव भवन में बैठक की जाएगी।
सीनियर नेताओं और जिला अध्यक्षों की बैठक में जहां-जहां संगठन में कसावट की कोशिश हो सकती है। जबकि निष्क्रिय पदाधिकारियों को दो टू लहजे में संदेश भी दिया जा सकता है कि ऐसे लोग बदले जाएंगे। बता दें कि पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि जल्द ही पीसीसी में बदलाव होगा।
मेहनत या सिफारिश
कई बार ये सवाल उठते रहे हैं कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में हमेशा मेहनत नहीं बल्कि बड़े नेताओं की सिफारिश से कई बार लोगों को मौके मिल जाते हैं। हालांकि, इस बार दीपक बैज का कहना है कि मेहनत करने वाले और सबको साथ लेकर चलने वाले लोगों को ही इस बार अवसर दिया जाएगा।
चार दिनों तक कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की जो बैठक आयोजित की गई थी, उसमें भी जिलाध्यक्षों की शिकायत हुई थी। कुछ लोगों को निष्क्रियता को भी पार्टी की हार का प्रमुख कारण माना था।
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