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भोपाल। प्रदेश में पिछले दो दिनों से अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कोई प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं होने के कारण मानसून शिथिल पड़ गया है। वातावरण में नमी के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में हल्की बौझारों का सिलसिला बना हुआ है। पिछले दिनों से शुरू हुए बारिश के सिलसिले में प्रदेश में अभी तक जून की औसत से 56 फीसद अधिक बरसात हो चुकी है। रविवार तक प्रदेश के 44 जिलों का बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। वहीं प्रदेश के 8 जिले अभी बारिश को तरस रहे हैं। वहीं मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, होशंगाबाद, ग्वालियर, भोपाल, रीवा, शहडोल, सागर, चंबल संभाग के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई है।
इसलिए थम गई बारिश...
प्रदेश के जिलों में अब तक औसत बारिश का कोटा पूरा हो चुका है। हालांकि अभी भी 8 जिले बारिश को तरस रहे हैं। पन्ना, भिंड, ग्वालियर, श्यौपुर, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन में अभी भी बारिश का लोगों को इंतजार है। मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश में मानसून के प्रवेश करने के बाद अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं बने हैं। इस वजह से मानसून को ऊर्जा नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते वातावरण में मौजूद नमी के कारण रुक-रुककर बरसात ही हो सकी है। वहीं मौसम विज्ञानियों ने बताया कि स्थानीय सिस्टम पर आधारित मौसम के कारण बारिश हो रही है।
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