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MP Kuno National Park: क्या शिफ्ट किए जाएंगे चीते? दो की मौत होने पर नई दिल्ली में होगी बैठक

नामीबिया से लाए चीते मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व राजस्थान व गांधी सागर अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य एमपी में छोड़े जा सकते हैं।

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Bansal News
MP Kuno National Park: क्या शिफ्ट किए जाएंगे चीते? दो की मौत होने पर नई दिल्ली में होगी बैठक

भोपाल। MP Kuno National Park मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (केएनपी) में चीतों के लिए जगह कम है। यह दावा डब्ल्यूआईआई के एक पूर्व अधिकारी ने किया है। अगर उनकी बातों पर अमल किया जाता है तो अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए चीतों Cheetah को राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व और एमपी के गांधी सागर अभयारण्य, नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में शिफ्ट किया जा सकता है। वहीं दो चीतों की मौत पर नई दिल्ली में एक बैठक सोमवार को होगी।

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भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) अधिकारी के मुताबिक देश में महत्वाकांक्षी चीता पुनर्स्थापन परियोजना की निगरानी कर रहे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने पिछले आठ महीनों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से केएनपी में स्थानांतरित किए गए 20 चीतों में से दो चीतों MP Kuno National Park  की मौत के मद्देनजर सोमवार को नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई है।

एक चीता को कितना एरिया चाहिए

कुछ वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार एक चीता Cheetah को 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की आवश्यकता होती है। केएनपी MP Kuno National Park  का ‘कोर एरिया’ 748 वर्ग किलोमीटर और बफर जोन 487 वर्ग किलोमीटर है। डब्ल्यूआईआई के पूर्व डीन यादवेंद्रदेव विक्रमसिंह झाला ने बताया कि केएनपी के पास इन चीतों के लिए पर्याप्त जगह नहीं है।

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झाला पहले चीता पुनर्स्थापन योजना का हिस्सा रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन चीतों के लिए 750 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर्याप्त नहीं है। हमें चीतों की आबादी बढ़ानी भी होगी, इसलिए हमें इन चीतों को देश में तीन-चार जगह रखना बहुत आवश्यक है।

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तो केएनपी में फलने-फूलने में सक्षम होंगे चीते

झाला ने बताया कि कूनो एक संरक्षित क्षेत्र है, लेकिन कूनो MP Kuno National Park  में चीता जिस परिदृश्य में रह सकते हैं, वह 5,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें कृषि इलाका, जंगल का इलाका एवं रहवासी क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगर चीता Cheetah  इस माहौल को अपना लेते हैं तो वे केएनपी में फलने-फूलने में सक्षम हो सकेंगे।

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झाला ने कहा कि इसलिए यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि हम इस क्षेत्र के रहवासियों का प्रबंधन कैसे करते हैं, यथा- इन लोगों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ इलाके में इकोटूरिज्म को बढ़ावा देना एवं यह सुनिश्चित करना कि यदि मानव-पशु संघर्ष होता है तो उन्हें उचित रूप से मुआवजा दिया जाए।

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में शिफ्ट हो सकते हैं चीते

चीतों को अन्यत्र बसाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि केएनपी MP Kuno National Park  के अलावा राजस्थान स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में भी चीतों को रखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश में गांधी सागर अभयारण्य और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य दो ऐसी जगह हैं, जहां चीतों Cheetah को रखा जा सकता है।

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बता दें कि कुछ दिन पहले ही मध्य प्रदेश वन विभाग ने केंद्र से केएनपी MP Kuno National Park  लाए गए चीतों के लिए संसाधन व जगह की कमी का हवाला देते हुए उनके लिए एक वैकल्पिक स्थल की मांग की थी। प्रदेश के एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया था कि पिछले साल सितंबर से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से दो जत्थों में लाए गए 20 चीतों Cheetah के रख-रखाव के लिए उनके पास पर्याप्त संसाधन (लॉजिस्टिक सपोर्ट) नहीं है।

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