PM Modi Birthday: मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे कर चुकी है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने पर BJP के अल्पमत होने से गठबंधन की सरकार बनी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा हुई कि मोदी अब उतने पॉवरफुल नहीं रहेंगे, जितने की वे अपने पहले दो कार्यकाल में थे, लेकिन सारे कयासों को गलत साबित करते हुए मोदी अब भी हिंदुत्व की पिच पर मजबूत बल्लेबाजी करते हुए दिख रहे हैं। मोदी 3.0 के 100 दिन के उनके कार्यकाल में पीएम मोदी के कामकाज पर BJP के अल्पमत में होने का कोई असर नहीं दिखा।
हिंदुत्व की पिच पर मजबूत कदम…
1. वक्फ कानून संशोधन विधेयक पेश: केंद्र की मोदी सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 संसद में पेश कर चुकी है। इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड के कामकाज के तौर-तरीकों में सुधार लाना और वक्फ संपत्तियों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना है। इसके लिए 18 से 20 सितंबर तक लगातार तीन दिनों की जेपीसी की बैठक होगी।
2. समान नागरिक संहिता लागू करने की तैयारी: केंद्र सरकार बहुत ही जल्द समान नागरिक संहिता देश में जल्द लागू करने जा रही है। इसके लिए पांच राज्यों ने समितियां बनाई गई है। जिसकी रिपोर्ट बहुत जल्द पेश होने वाली है। जिसके बाद इन सभी 5 राज्यों में समान नागरिक संहिता का कानून बनाया जाएगा। इन पांच राज्यों में कानून बनेगा तो उसके बाद पूरे देश में UCC को लागू करने लिए कदम उठाएगी।
किसान मित्र बनने की कवायद
पीएम मोदी नए कार्यकाल में किसानों को साधने की रणनीति पर भी आगे बढ़े। इसके लिए नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदा तैयार हुआ। दो महत्वपूर्ण कदम उठाये गए…
1. खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाया: केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी है। धान का नया MSP 2,300 रुपये किया गया है जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है। कपास का नया MSP 7,121 और एक दूसरी किस्म के लिए 7,521 रुपए पर मंजूरी दी है जो पिछली MSP से 501 रुपये ज्यादा है। सोयाबीन के समर्थन मूल्य में भी 292 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 4892 किया गया। अरहर की MSP 550 रुपए, तिल की 632 और राई की MSP 983 रुपए तक बढ़ाई गई।
2. इम्पोर्ट एक्सपोर्ट नीति: केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह के अंत में कुछ प्रमुख वस्तुओं के निर्यात पर सख्ती की है, जबकि खाद्य तेलों जैसी कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क में इजाफा किया है ताकि किसानों को अच्छी कीमत मिल सके। ये निर्णय सोयाबीन और बासमती चावल उत्पादक किसानों को खुश करने की एक कोशिश है। बासमती चावल पर लागू 950 डॉलर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और प्याज के निर्यात पर लागू 550 डॉलर न्यूनतम एमईपी को हटाने के साथ ही प्याज पर निर्यात शुल्क 40 फीसदी से घटाकर 20 फीसदी किया गया है। कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर प्रभावी आयात शुल्क 12.5 फीसदी से बढ़ाकर 32.5 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही रिफाइंड तेल पर प्रभावी आयात शुल्क अब 13.75 फीसदी से बढ़कर 35.75 फीसदी किया गया है।
महिलाओं के लिए पीएम मोदी के बड़े फैसले
पीएम मोदी का अपनी मां से विशेष लगाव रहा है। आर्थिक परेशानी से जूझते हुए उनकी मां हीराबेन ने दूसरों के घरों में बर्तन धोकर परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग किया। मां के इस संघर्ष से प्रेरित होकर पीएम मोदी ने हमेशा से महिलाओं को लेकर कई बड़े फैसले किए हैं।
इस साल यूनियन बजट में मोदी सरकार की ओर से महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए। इस बजट में महिलाओं के लिए वित्त मंत्री ने महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया। निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इसमें वर्किंग वुमन के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित करेगी।
महिलाओं की सामाजिक भागादारी के अलावा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कौशल विकास पर जोर दिया। यूनियन बजट 2024 में वित्तमंत्री सीतारमण ने बजट में महिलाओं पर फोकस किया। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महिलाओं के लिए भी जॉब क्रिएशन किया जाने का प्रावधान रखा गया। महिलाओं के लिए वूमेन सेंट्रिक सेंट्रली स्पॉन्सर्ड स्कीम्स भी लाई जाने की बात कही गई।
महिलाओं को लुभाते मोदी
नमो ड्रोन दीदी स्कीम
महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पीएम मोदी ने नमो ड्रोन दीदी स्कीम की घोषणा की थी। अंतरिम बजट में सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया था। कृषि क्षेत्र में ड्रोन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के साथ-साथ ये स्कीम महिलाओं को सशक्त बनाने और कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने की मंशा से शुरू की गई।
लखपति दीदी योजना
लखपति दीदी योजना भारत सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाया जाने वाला एक खास तरह का स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम है। इसके जरिए सरकार महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ाना चाहती है। ताकि महिलाएं आर्थिक स्तर पर मजबूत हो सकें।
सुभद्रा योजना
पीएम नरेंद्र मोदी महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए अपने जन्मदिन पर सुभद्रा योजना लॉन्च करने जा रहे हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को हर साल दो बार, राखी पूर्णिमा और अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, 5-5 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। ये राशि सीधे आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम के माध्यम से पात्र लाभार्थियों के डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) बैंक खातों में जमा की जाएगी, ताकि सहायता वितरण में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने के लिए लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड भी दिए जाएंगे।
मध्यम वर्ग को अपनी ओर खींचती सरकार
23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश किया था। इस बार के बजट में मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान रखा गया था। वित्त मंत्री ने नई कर व्यवस्था में व्यक्तिगत आयकर दरों में 0 से 3 लाख रुपए तक कोई भी टैक्स नहीं लिया जाएगा। वहीं, 3 लाख से 7 लाख रुपए की सालाना आय वालों को 4 प्रतिशत और 7 से 10 लाख रुपए की आय वालों को 10 फीसदी आयकर देना होगा। वहीं, 10 लाख से 12 लाख की आय वालों को 15 फीसदी और 12 से 15 लाख रुपए की सालाना आय करने वाले लोगों को 20 फीसदी टैक्स देना होगा।
जबकि सालाना 15 लाख से अधिक की आय वालों को 30 फीसदी आयकर टैक्स देना होगा। वहीं, मोदी सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपए कर दिया गया था। इस दौरान निर्मला सीतारमण ने कहा था कि इन बदलावों से करीब चार करोड़ नौकरीपेशा और पेंशनर्स को लाभ होगा।
रेलवे पर मेहरबान मोदी सरकार 3.0
मोदी सरकार 3.0 में रेलवे के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया गया था। मोदी सरकार रेलवे को मजबूत बनाने और सुविधाएं लाने के लिए सरकार ने 2,62,200 करोड़ रुपए कैपेक्स के तौर पर दिए हैं। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि अमृत भारत एक्सप्रेस जैसी ज्यादा से ज्यादा पैसेंजर ट्रेनों को चलाया जाए। जबकि इस बजट का एक बड़ा हिस्सा इसकी सुरक्षा के लिए जाएगा। इस बड़े हिस्से से यानी 1,08,00 करोड़ रुपए से पुराने ट्रैक्स की मरम्मत, सिग्नलिंग, कवच, रेल के पुल बनाए जाएंगे।
पटरियों पर दौड़ेंगी वंदे भारत
भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन 15 फरवरी 2019 को राजधानी दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई थी। जबकि सितंबर 2024 तक इसकी संख्या 60 के करीब पहुंच गई है। मगर अब इसके साथ ही पटरियों पर वंदे भारत मेट्रो और वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें भी दौड़ती नजर आएंगी। जहां वंदे मेट्रो को कम दूरी के लिए चलाया जाएगा, तो वहीं वंदे भारत स्लीपर को लंबे रूट्स पर दौड़ाया जाएगा। स्लीपर वाली वंदे भारत रात की यात्रा के लिए होगी।
युवाओं को पीएम मोदी का स्पेशल पैकेज
मोदी सरकार 3.0 का बजट हर तरह से काफी खास रहा है। इस बार के बजट में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भी ध्यान दिया गया है। यही वजह है कि सरकार को 1 करोड़ इंटर्नशिप वाला फॉर्मूला निकालना पड़ा। पीएम मोदी का ये युवाओं के लिए स्पेशल इंटर्नशिप पैकेज माना जा रहा है। इसके तहत युवाओं को 500 से भी ज्यादा टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें हर महीने पांच हजार रुपए का इंटर्नशिप भत्ता भी दिया जाएगा। वहीं इंटर्नशिप पूरी होने के बाद उन्हें अलग से 6 हजार रुपए भी दिए जाएंगे। बता दें कि मोदी सरकार अपने 5 साल के कार्यकाल में एक करोड़ युवाओं को इससे लाभ पहुंचाएगी।
पीएम मोदी के अग्निवीर
विपक्ष लगातार मोदी सरकार को अग्निपथ स्कीम पर घेरता नजर आया है। वह हर बार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर धकेलने की कोशिश करती रही, लेकिन पीएम मोदी हर बार विपक्ष पर आक्रामक नजर आए। सदन से सड़क तक हर बार विपक्ष ने अग्निवीर को लेकर सवाल उठाए और उसी गर्मजोशी से पीएम मोदी ने विपक्ष को करारा जवाब भी दिया। हालांकि, पीएम ने अग्निवीर योजना को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है कि वे इसको लेकर पीछे नहीं हटने वाले हैं।
कौन होता है अग्निवीर ?
14 जून 2022 को केंद्र सरकार ने तीनों सेनाओं (थल सेना, वायुसेना और नौसेना) में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती करने के लिए अग्निपथ भर्ती को शुरू किया था। इस स्कीम के तहत भारत का हर नौजवान 4 साल तक डिफेंस फोर्स में अपनी सेवाएं दे सकता है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए उसकी उम्र 17.5 साल से 21 साल होनी चाहिए और वो 10वीं या 12वीं पास होना चाहिए।
क्यों उठ रही है अग्निवीर योजना खत्म करने की मांग
काफी लंबे समय से अग्निवीर स्कीम को खत्म करने की मांग विपक्ष की तरफ से उठाई जा रही है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण 4 साल की स्कीम है। दरअसल, 4 साल सेना में सेवाएं देने के बाद उन्हें हटा दिया जाएगा, जबकि इसके बाद उन्हें सेना में स्थायी पद दिया जाएगा या नहीं इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। उन्हें ना ही जवान की तरह वो सम्मान मिल पाएगा, जो एक जवान को मिलता है। इसके साथ ही उन्हें सेना से हटाने के बाद किसी भी तरह की कोई पेंशन नहीं दी जाएगी। यही कारण है कि बार-बार विपक्ष इसको खत्म करने की मांग कर रहा है।
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70 साल से ज्यादा उम्र वाले हर शख्स का बनेगा आयुष्मान कार्ड
मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ा दिया है। ये बुजुर्गों के लिए अच्छी खबर है। अब 70 साल से ज्यादा के हर बुजुर्ग का इलाज आयुष्मान योजना में हो सकेगा। वरिष्ठ नागरिकों को ये भी उम्मीद थी कि मोदी सरकार रेलवे में यात्रा के लिए बुजुर्गों को कुछ रियायत देगी, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
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