भोपाल। शिवराज सरकार का 20 साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करने आए गृहमंत्री अमित शाह ने, कांग्रेस पर बार-बार हमले किए 2003 से पहले की दिग्विजय सरकार पर वार किए कभी मोदी और शिवराज सरकार में हुए काम गिनाए लेकिन शाह को दिल्ली लौटे 24 घंटे से भी ज्यादा समय बीत चुका है। कांग्रेस की ओर से ना अग्रेसिव हमले किए गए और ना ही पलटवार पहले सुन लीजिए शाह ने किस तरह कांग्रेस को घेरा था।
अग्रेसिव मोड में बीजेपी का एक्शन
कुछ इसी अंदाज में एमपी बीजेपी भी हमलावर नजर आती है बीजेपी अपनी रणनीति के मुताबिक अग्रेसिव बयानबाजी के मोड में हैं चाहे बात दिग्विजय के दिए बयान पर पलटवार की हो या फिर हिंदुत्व जैसे मुद्दों की लेकिन कांग्रेस हिंदुत्व के मुद्दे पर भी मुखर नहीं है।
सधे अंदाज में कांग्रेस का रिएक्शन
बस आयोजनों के जरिए अपना मैसेज देना चाहती है शाह ने कमलनाथ को लेकर चल रहे मामलों पर भी तीखे हमले किए और जांच तेज करने की बात कही इस पर भी कांग्रेस की ओर वैसी प्रतिक्रिया नहीं आई बल्कि विकास को लेकर शाह के उठाए सवालों का जवाब नेता प्रतिपक्ष ने ये कहते हुए दे दिया कि उन्हें और अध्ययन करके आना चाहिए।
नैरेटिव चेंज करना है रणनीति !
बयानों से जाहिर है कि कांग्रेस इस चुनाव में नैरेटिव चेंज करना चाहती है। बीजेपी की अग्रेसिव होकर चुनाव लड़ने की रणनीति है। तो कांग्रेस सधे हुए अंदाज में चुनाव लड़ती दिख रही है। दोनों पार्टियां अपने विरोधी दल को अपने मैदान में खींचना चाहती हैं। अब जनता किसके नैरेटिव पर मुहर लगाती है और 23 के दंगल में सत्ता तक पहुंचाती है ये देखे वाली बात होगी।
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