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सिर्फ एक तरबूज की वजह से छिड़ गई थी जंग, हजारों जवानों की चली गई थी जान !

सिर्फ एक तरबूज की वजह से छिड़ गई थी जंग, हजारों जवानों की चली गई थी जान ! The war broke out because of just one watermelon, thousands of soldiers had lost their lives! nk

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Bansal Digital Desk
सिर्फ एक तरबूज की वजह से छिड़ गई थी जंग, हजारों जवानों की चली गई थी जान !

नई दिल्ली। आपने इतिहास में कई युद्धों के बारे में पढ़ा होगा। भारतीय इतिहास में भी कई ऐसे युद्ध लड़े गए जिनकी कहानियां काफी चर्चित हैं। भारत में जीतने भी युद्ध लड़े गए उनमें से अधिकतर दूसरे राज्यों पर कब्जे को लेकर हुए थे। लेकिन आज हम जिस जंग की बात करने जा रहे हैं वो सिर्फ एक तरबूज के लिए लड़ी गई थी।सुनने में थोड़ा अजीब लगता है। लेकिन ये सच है। आज से करीब 376 साल पहले हुई इस जंग में हजारों सैनिक मारे गए थे।

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मतीरे की राड़

बतादें कि दुनिया की यह पहली जंग है जो सिर्फ एक फल के लिए लड़ी गई थी। इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो आप पाएंगे कि इस युद्ध को 'मतीरे की राड़' के नाम से जाना जाता है। दरअसल, राजस्थान के कई इलाकों में तरबूज को मतीरा के नाम से भी जाना जाता है और राड़ का अर्थ है लड़ाई। 1966 ईस्वी में यह अनोखा युद्ध हुआ था। तरबूज के लिए यह लड़ाई दो रियासतों के बीच हुई थी।

एक फल के कारण खूनी युद्ध

मालूम हो कि उस दौरान बीकानेर रियासत के सीलवा गांव और नागौर रियासत के जाखणियां गांव की सीमा एक-दूसरे से सटी हुई थी। बीकानेर रियासत की सीमा में एक तरबूज का पेड़ लगा था और नागौर रियासत की सीमा में उसका एक फल लगा था। यही फल तब युद्ध की वजह बन गया। दरअसल, सीलवा गांव के निवासियों का कहना था कि पड़े उनके यहां लगा है, तो इस फल पर उनका अधिकार है। वहीं नागौर रियासत के लोगों का कहना था कि फल उनकी सीमा में लगा है, तो यह उनका है। फिर क्या था फल के अधिकार को लेकर दोनों पक्षों में लड़ाई शुरू हो गई, जिसने खूनी युद्ध का रूप ले लिया।

राजा को इस युद्ध की जानकारी तक नहीं थी

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों रियासतों के राजाओं को इस युद्ध की जानकारी तक नहीं थी। जब यह लड़ाई चल रही थी, तब बीकानेर के शासक राजा करणसिंह एक अभियान पर थे, तो वहीं नागौर के शासक राव अमरसिंह मुगल साम्राज्य की सेवा में तैनात थे। जब इस लड़ाई के बारे में दोनों राजाओं को जानकारी मिली, तो उन्होंने मुगल राजा से इसमें हस्तक्षेप करने की अपील की। लेकिन जब यह बात मुगल शासकों तक पहुंची तब तक युद्ध छिड़ गया था। इस युद्ध में बीकानेर रियासत की जीत हुई थी, लेकिन बताया जाता है कि दोनों तरफ से हजारों सैनिकों की मौत हुई थी।

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