जबलपुर। आज देश में पुलवामा हमले की दूसरी वरसी मनाई जा रही है। दो साल पहले आज ही के दिन (14 फरवरी 2019) कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया थ। इस हमले में सेना के 40 जांबाज जवान शहीद हो गए थे। यह हमला पाकिस्तान की सोची- मझी साजिश का नतीजा था। इस हमले में शहीद हुए प्रदेश के लाल अश्वनि काछी के पिता ने अपने बेटे की शहादत पर गर्व बताया। साल 2019 की 14 फरवरी के दिन को याद कर अश्विनी के पिता की आंखों से आसू छलक जाते हैं। अश्वनि के पिता उस दिन को याद कर बताते हैं कि रात 11 बज रहे थे, जब मेरे लाल की शहादत की जानकारी मिली थी। यह खबर सुनने के बाद मेरे कान सुन्न हो गए थे। कलेजा बैठा जा रहा था। यह खबर मेरी पत्नी को बताने में मेरे होंठ कांप रहे थे। आज अश्विन के पिता बताते हैं कि हमें गर्व है कि हमारा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है।
गर्व से फूले नहीं समाते परिजन
शहीद बेटे अश्विन की शहादत को लेकर पिता सुकरू बताते हैं कि आज शहादत को दो साल हो गए हैं। आज भी बेटे की मौत के जख्म भरे नहीं हैं। आज भी जब सेना में शहादत की खबर सुनता हूं तो मेरे सामने बेटे का खिलता चेहरा आ जाता है। मेरा बेटा मुझे फलक पर बिठाकर चला गया है। आज भी जब मैं निकलता हूं तो लोग कहते हैं कि देखो शहीद अश्विन के पिता जा रहे हैं। यह सुनकर मेरा गर्व से सीना चौंड़ा हो जाता है।